G-KBRGW2NTQN 20 अप्रैल से अभी तक 1171 उद्योगों को संचालन की अनुमति दी गईः सीएम – Devbhoomi Samvad

20 अप्रैल से अभी तक 1171 उद्योगों को संचालन की अनुमति दी गईः सीएम

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सी.आई.आई. द्वारा आयोजित उत्तर भारत वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि कोरोना महामारी से भारत ही नहीं बल्कि विश्व की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। देश में औद्योगिक गतिरोध उत्पन्न हुआ है, इस कान्फ्रेंस से नई आशा एवं विश्वास का संचार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 मार्च से प्रदेश में लॉक डाउन हो गया था। प्रदेशवासियों एवं उद्योग जगत ने संयम से लॉक डाउन का पालन किया है। उत्तराखंड में अभी तक कोरोना के 51 पाजिटिव मामले आए हैं, जिसमें से 33 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। उत्तराखंड के पर्वतीय जिले कोरोना के प्रभाव से मुक्त हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि सी.आई.आई. समाज के सक्षम वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है और ऐसे समय में सी.आई.आई अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सरकार के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सी.आई.आई. की राज्य ईकाई निरन्तर राज्य सरकार के सम्पर्क में रही है। मुख्यमंत्री राहत कोष में भी उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने अहम योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भारत सरकार के आदेश के बाद राज्य में उद्यमियों की सुविधा के लिए उद्योग के संचालन की अनुमति हेतु एकल खिड़की की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के माध्यम से 20 अप्रैल से अभी तक 1171 उद्योगों को संचालन की अनुमति दी गई है। लॉक डाउन की अवधि में कोविड-19 से सुरक्षा हेतु आवश्यक उपायों के दृष्टिगत आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली ईकाइयों को बंदी से मुक्त रखा गया है। राज्य में फार्मा तथा खाद्य पदार्थ उत्पादन की 1884 ईकाइयों के संचालन की अनुमति दी गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आई.टी.सी, हिन्दुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले, ब्रिटानिया व डाबर जैसे बड़े उद्योग अपना उत्पादन प्रारम्भ कर चुके हैं। ऑटो सेक्टर की टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, अशोका ली लैंड व महिन्द्रा ने भी उत्पादन प्रारम्भ कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। कोविड-19 आपदा से राज्य की आर्थिकी पर पड़ रहे दुष्प्रभावों के निराकरण के लिए प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के विभिन्न उपायों एवं विकल्पों का त्वरित अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सेवानिवृत्त आई.ए.एस अधिकारी इन्दु कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई

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