देहरादून। उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी फेरबदल की कवायद शुरू हो गई है। प्रदेश में सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने अपने रणनीतिक पत्ते फेंटने शुरू कर दिए हैं। बुधवार को इसी क्रम में दिल्ली में निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार की पार्टी में एंट्री के बाद पार्टी ने इसका आगाज कर दिया है। पार्टी का दावा है कि कांग्रेस के एक विधायक भी उसके संपर्क में हैं। इसके बाद कांग्रेस ने भी दावे करने शुरू कर दिए हैं कि बीजेपी के कई नेता उसके संपर्क में हैं।
बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के एक विधायक बीजेपी के संम्पर्क में हैं। ये विधायक एक दौर में बीजेपी में ही थे, लेकिन 2017 के चुनाव में उन्होंने पाला बदलते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रेस की सरकार तो नहीं बनी, लेकिन नेताजी विधायक जरूर बन गए थे। इसके अलावा एक और निर्दलीय विधायक के भी बीजेपी के संपर्क में होने की चर्चा है। निर्दलीय विधायक भी जल्द ही बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं।
बीजेपी लम्बे समय से इस टारगेट पर लगी हुई थी। करीब डेढ़ दर्जन ऐसी सीटें हैं। जहां पार्टी के विधायक बहुत कम मार्जन के साथ जीतकर आए थे या फिर बहुत कम मार्जन से हार गए थे। पार्टी ने बहुत पहले राज्यसभा सांसद नरेश बंसल की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की थी। कमेटी को टारगेट दिया गया था कि इन सीटों पर प्रभावशाली लोगों को पिन पॉइंट किया जाए और उनको पार्टी में शामिल कराया जाए।
चर्चा तो ये भी है कि कांग्रेस के कुछ पूर्व विधायक भी बीजेपी के सम्पर्क में हैं। पार्टी की कोशिश है कि चुनाव में जाते-जाते वो एक माहौल बनाकर विपक्ष को मनोवैज्ञानिक दबाव में ले आए। 2017 से में भी बीजेपी कुछ इसी रणनीति के तहत प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रही थी। तब चुनाव से ठीक पहले 2017 करीब दस विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए थे। इससे कांग्रेस को इन सीटों पर कैंडिडेट नहीं मिले और 2017 के चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस 11 पर सिमट कर रह गई थी।
हालांकि, बीजेपी में निर्दलीय विधायक के शामिल होने और कांग्रेस के विधायकों के संपर्क में होने के दावे पर कांग्रेस ने पलटवार किया है.।पार्टी की ओर से भी यह दावा किया गया है कि सत्तारूढ़ बीजेपी के कई नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं। बहरहाल, विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आने वाले दिनों में दल-बदल का यह खेल और देखने को मिल सकता है। जाहिर है सियासी जानकार इन दिनों उत्तराखंड की सियासत पर नजरें बनाए हुए हैं।