हृदय रोग, सबसे तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। छाती में लगातार बनी रहने वाली असहजता की स्थिति को बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए, यह हृदय रोगों का शुरुआती संकेत हो सकता है। अपने दिल की आवाज को अवश्य सुने।
‘वि हृदय दिवस’ पर शाह क्लीनिक एवं डायगोस्टिक सैंटर कनखल में आयोजित ‘‘कार्डियक कैम्प एंड हाईपरटेंशन क्लीनिक’’ में एपीआई उत्तराखंड चैप्टर के वाईस पेसिडेंट डा. संजय शाह ने एक भेंट के बताया कि सामान्यत: ये तो हम सभी जानते हैं कि सीने में दर्द होना और सांस लेने में तकलीफ होना, हार्ट के फेल होने का सबसे आम लक्षण है। लेकिन अगर आप कुछ सीढ़ियां चढ़ते ही थक जाते हैं और आपको सांस लेने में दिक्कतें पैदा होती हैं और यहां तक कि बैठने पर भी आपको तकलीफ होती है, तो ऐसे में ये संकेत हो सकता है कि आपको दिल की बीमारी हो सकती है।
डा. शाह ने बताया कि जिस तरह से देश में हृदय रोग के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, यह भविष्य के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में साल 1990 में हृदय रोगों से हर साल 22.6 लाख की मौत होती थी, यह आंकड़ा साल 2025 तक बढ़कर 52.3 लाख होने की आशंका है। पिछले कुछ दशकों में भारत में हृदय रोगों के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। ग्रामीण आबादी में हृदय रोगों के मामले 1.6 से बढ़कर 7.4 फीसदी जबकि शहरी आबादी में 1 से बढ़कर 13.2 फीसदी तक पहुंच गए हैं। यदि आपकी धमनियों में किसी प्रकार का अवरोध हो तो इससे हार्ट अटैक, छाती में दबाव, जकड़न जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। यदि आपमें ऐसे लक्षण लगातार बने रहते हैं तो इस बारे में तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।
उन्होंने बताया कि हृदय रोगों का अगर शुरुआत में ही पता चल जाए तो इसका इलाज और ठीक होने की संभावना अधिक हो सकती है। इसके लिए हृदय रोग के शुरुआती लक्षणों को पहचानना आवश्यक होता है। जब दिल का दौरा पड़ता है, तो मरीज को पीठ के ऊ परी हिस्से में दर्द होता है। लेकिन अगर आपको इसके साथ ही सीने में किसी तरह की बेचौनी हो रही है, भारीपन महसूस हो रहा है, मितली या उल्टी करने का मन कर रहा है, तो ये भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। जब व्यक्ति के हार्ट फेल की स्थिति बढ़ने लगती है, तो उसे भूख कम लगने लगती है, बार-बार पेशाब आने लगता है और साथ ही दिल भी बहुत तेजी से धड़कना शुरू कर देता है। कई बार हम इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये हार्ट के फेल होने के संकेत हो सकते हैं। इसलिए इनका ध्यान रखना चाहिए।
डा. संजय शाह ने बताया कि दिल की बीमारी तेजी से युवाओं को गिरफ्त में लेने लगी है। धूम्रपान की लत, खानपान और एक्सरसाइज में लापरवाही इसकी बड़ी वजह मानी जा रही है। नमक हमारे खाने का स्वाद बढ़ाने का काम करता है, लेकिन अगर इसका ज्यादा सेवन किया जाए तो ये हमें नुकसान भी पहुंचा सकता है और वो भी खासकर हार्ट के मरीजों को। नमक का ज्यादा सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिसके कारण हार्ट फेल्योर और हार्ट अटैक आने का खतरा काफी बढ़ जाता है। व्यायाम न करना दिल के लिए उतना ही घातक है जितना कि धूम्रपान करना। व्यायाम से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और वह कमजोर नहीं पड़ता। इसके अतिरिक्त लगातार चलते रहने से हाथ पैरों की धमनियां स्वस्थ रहती हैं जिससे शरीर में रक्त परिसंचरण ठीक से होता है। मोटापा भी दिल की बीमारियों को खुला निमन्तण्रहै। वजन घटाने के लिए नियमित व्यायाम तथा सीमित मात्रा में सारण भोजन सबसे अच्छा उपाय है। परन्तु वजन घटाने के लिए भूखे रहने तथा उल्टे-सीधे नुस्खों का चयन नहीं करना चाहिए इससे दिल पर बुरा असर पड़ता है।