G-KBRGW2NTQN आगामी विधानसभा चुनाव के लिए यूकेडी ने जारी किया घोषणा पत्र – Devbhoomi Samvad

आगामी विधानसभा चुनाव के लिए यूकेडी ने जारी किया घोषणा पत्र

देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी बीच उत्तराखंड क्रांति दल ने विधानसभा चुनाव को लेकर अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। कचहरी रोड स्थित केंद्रीय कार्यालय में दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी और तमाम यूकेडी नेताओं ने विधानसभा चुनाव-2022 का घोषणा पत्र जारी किया।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की परिकल्पना के पीछे सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि यहां की जनता को लगता था कि उत्तर प्रदेश में रहकर इस पर्वतीय क्षेत्र के आठ जिलों का विकास इसलिए नहीं हो पाता है। क्योंकि लखनऊ और दिल्ली में बैठे नेता और नौकरशाह पहाड़ के भूगोल को नहीं जानते हैं। उन्होंने यहां कि नदियां, जंगल, संस्कृति और भाषा को नहीं जानते.। वहीं, चौंकाने वाली बात ये है कि आजादी के 75 साल में पहाड़ में जितना पलायन नहीं हुआ उससे कई गुना राज्य बनने के बाद हुआ है। उन्होंने कहा कि राजधानी का सवाल उत्तराखंड क्रांति दल के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड क्रांति दल गैरसैंण (चंद्रनगर) को पहाड़ की आत्मा मानती है। ऐसे में हमारा शुरू से ही मानना रहा है कि गैरसैंण राजधानी एक जगह का नाम नहीं है, यह पहाड़ में विकास के विकेंद्रीकरण का दर्शन भी है. उन्होंने बताया कि यूकेडी ने शिक्षा और स्वास्थ्य का मुद्दा भी घोषणा पत्र में प्रमुखता से उठाया है। उत्तराखंड राज्य की मांग जिन मुद्दों को लेकर हुई थी। उसमें शिक्षा और स्वास्थ्य प्रमुख थे.इसके अलावा यूकेडी ने अपने घोषणा पत्र में आर्थिक दृष्टिकोण, कृषि, बागवानी और सब्जी उत्पादन, पशुपालन, चकबंदी, पर्यटन, वन संसाधन, उद्योग और लघु एवं कुटीर उद्योग, पंचायती राज और स्थानीय निकायों को सुदृढ़ करना महिलाओं की सुरक्षा, युवाओं की समस्याओं का समाधान, प्रवासियों से संवाद, सामाजिक एवं धार्मिक सौहार्द, साहित्य संगीत कला एवं भाषा, नशा मुक्त माफिया मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड को प्रमुख स्थान दिया है।
यूकेडी ने अपने घोषणा पत्र के माध्यम से अपील की है कि बदलाव के इस नए संघर्ष में जनता यूकेडी का साथ दे. यूकेडी लोगों को विश्वास दिलाती है कि राज्य की परिकल्पना और उसको मूर्त रूप देने के लिए उत्तराखंड क्रांति दल ने जो लंबा संघर्ष किया है वह उस से विमुख नहीं हुई है।

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