हल्द्वानी। पूर्व पीसीसी प्रमुख किशोर उपाध्याय की पैरोकारी भी शुरू हो गई है। उपाध्याय के समर्थकों ने 44 साल से पार्टी की सेवा करने वाले नेता के साथ इस तरह के बर्ताव की आलोचान की है। समर्थकों का कहना है कि उपाध्याय के अथक परिश्रम से संगठन को खड़ा किया। वे राजीव गांधी के भी चहेते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपाध्याय को षड़यंत्र का शिकार बनाया जा रहा है।
यह पैरोकारी सोमवार के एक वचरुअल मीटिंग के बाद मीडिया को जारी बयान में की गई है। कहा गया है कि वनाधिकार आंदोलन के उपाध्याय संस्थापक रहे हैं। वे पुश्तैनी अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। वनाधिकार आंदोलन एक सर्वदलीय आंदोलन है। इसमें सभी दलों का समर्थन एकत्रित करने की कोशिश पर उपाध्याय की निष्ठा पर सवाल उठाए हैं। बैठक में पार्टी हाईकमान के फैसले को वापस लेने की मांग की गई है। नाराज समर्थकों ने मांग न मानी जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
इस मौके पर पूर्व फौजी सुनील भट्ट, मनोज खुल्बे, करन, गीता बोहरा, चन्द्रा गोस्वामी, दानी राम, रमेश कुमार, विनोद कुमार, राकेश, अंजू, प्रीति आर्या, सुंदर सिंह भोजक, विनोद सिंह, तनूजा नेगी, तनू आर्या, रिक्की भट्ट, किरन बिष्ट, हिमांशु जोशी, नीमा पंत, मोहन सिंह किरैला, रमेश जोशी आदि शामिल थे।