चारधाम के श्रद्धालुओं की सुगमता और सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण कदम
देहरादून। चारधाम सड़क मार्ग (आल वेदर रोड) के अंतर्गत आने वाले तीनों राष्ट्रीय राजमागोर्ं जिनमें ऋषिकेश-माणा, ऋषिकेश-गंगोत्री, टनकपुर-पिथौरागढ़ के चौड़ीकरण डबल लेन के साथ ही फुटपाथ विकसित किए जाने को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भेजे पत्र में उनके अग्रह को स्वीकार किए जाने की बात कही गई है।
तत्कालीन सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने मुख्यमंत्री काल में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर चारधाम आल वेदर मार्ग के चौड़ीकरण व इसके सामरिक महत्व को लेकर ठोस दलीलें दी गयी। जिन सड़कों को लेकर रावत ने गडकरी के सामने राज्य का पक्ष रखा था। लगभग 15,000 करोड़ की लागत से निर्मित इस राष्ट्रीय राजमार्गोके निर्माण को लेकर कभी केंद्र की नीति तो कभी पर्यावरणविदों के विरोध के चलते सवाल उठते रहे है। तब पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से प्रदेश का पक्ष रखते हुए चौड़ीकरण जरूरी बताते हुए कहा ़गया क्योंकि ये सड़क चीन सीमा तक सैन्य साजो सामान पहुंचाने का एकमात्र जरिया है और सामरिक दृष्टि से इनका बहुत महत्व है।
उन्होंने एक विस्तृत मांग पत्र भी केंद्र को सौंपा था, जिसमें चारधाम सड़क मार्ग (अल वेदर रोड) के अंतर्गत आने वाले तीन राष्ट्रीय राजमागोर्ं जिनमें ऋषिकेश-माणा, ऋषिकेश-गंगोत्री, टनकपुर-पिथौरागढ़ के चौड़ीकरण डबल लेन के साथ ही फुटपाथ विकसित किया जाए। इससे चारधाम के लिए पैदल यात्रियों, दुपहिया वाहनों आदि को सुविधा तो होगी, साथ ही सड़क पर रिसने वाले पानी से मार्ग की सुरक्षा भी हो सकेगी। इस संबंध में विगत दिनों केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत को पत्र भेजकर जानकारी दी है कि उनके प्रस्ताव के अनुसार लगभग 750 किमी लंबे इन तीनों मागोर्ं का उच्चतम न्यायालय के निर्देशो के अनुसार चौड़ीकरण फुटपाथ के साथ किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया है।