जीएसटी मुआवजा अवधि बढ़ाए केंद्र: सीएम
पीएम से राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की राज्य में शाखा स्थापित करने की मांग की
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तराखंड के लिये जीएसटी मुआवजे की अवधि को बढ़ाने यानी जून के बाद भी जारी रखने की मांग की है। बता दें कि केंद्र जीएसटी मुआवजे की अंतिम किस्त दे चुका है और अब वह मुआवजा नहीं देगा। अनुमान है कि इससे हर साल प्रदेश को पांच से सात हजार करोड़ का सीधा नुकसान होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने पर राज्यों को राजस्व सुरक्षा प्रदान किये जाने के उद्देश्य से 5 वषोर्ं यथा 30 जून 2022 तक की अवधि के लिए जीएसटी की क्षतिपूर्ति की व्यवस्था की गयी थी। परंतु संरचनात्मक परिवर्तन, न्यून उपभोग आधार, राज्य में सेवा का अपर्याप्त आधार सहित अन्य कारणों से जीएसटी लागू होने के उपरांत राज्य के राजस्व में अपेक्षित वृद्धि दर्ज नहीं की जा सकी है।
मुख्यमंत्री धामी ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट में उन्हें उत्तराखंड के लोहाघाट के समीप स्थित मायावती आश्रम आने के लिये भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश के फार्मास्यूटिकल हब के रूप में उभर रहा है। भारत में कुल उपभोग होने वाली दवाओं में उत्तराखंड राज्य में स्थापित औषधि निर्माण इकाईयों की लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। राज्य में स्थापित तीन प्रमुख औद्योगिक संकुलों यथा-देहरादून, हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर में 300 से अधिक फार्मास्यूटिकल निर्माण इकाईयां स्थापित हैं जो ओक लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रहीं है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित करने की मांग की और कहा कि इसके लिए राज्य सरकार जमीन उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य के सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में एयरस्ट्रिप से फिक्सडविंग (वायुयान ) हवाई सेवा संचालित किये जाने के लिए निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के शीघ्र एवं सुचारू संचालन के लिये सम्बन्धित को निर्देशित करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ एवं बद्रीनाथ को मास्टर प्लान की तरह प्रदेश के कुमांऊ मण्डल के पौराणिक मंदिरों को जोड़े जाने के लिए मानस खंड मन्दिर माला मिशन की मंजूरी देने की मांग की।
उत्तराखंड को मिले टीएचडीसी में उप्र की 25 फीसद हिस्सेदारी
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से टीएचडीसी इंडिया लि की इक्विटी शेयर धारिता में उत्तर प्रदेश के 25 प्रतिशत अंशधारिता को उत्तराखंड राज्य को स्थानांतरित करने में केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि टीएचडीसी इंडिया लि भारत सरकार की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी एवं उत्तर प्रदेश सरकार की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का संयुक्त उपक्रम है। उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार उत्तर प्रदेश द्वारा विभाजन की तिथि तक टीएचडीसी इंडिया लि में किये गये पूंजीगत निवेश के आधार पर उत्तराखंड राज्य को हस्तांतरित होना चाहिए क्योंकि टीएचडीसी इंडिया लि का मुख्यालय उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है। टीएचडीसी इण्डिया लि. की लगभग 70 प्रतिशत परियोजनाऐं उत्तराखंड राज्य में ही स्थित है। इन परियोजनाओं से उत्पन्न होने वाली पुनर्वास, कानून व्यवस्था तथा अन्य सामाजिक एवं पर्यावरण सम्बन्धी चुनौतियों का सामना भी उत्तराखण्ड राज्य को करना पड़ता है। उत्तराखंड राज्य द्वारा वर्ष 2012 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद-131 के अन्तर्गत टीएचडीसी इंडिया लि. में उत्तर प्रदेश के स्थान पर उत्तराखंड राज्य की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी वाद सर्वोच्च न्यायालय में योजित किया गया था जो संप्रति विचाराधीन है।