मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत दी जाएगी छात्रवृत्ति
देहरादून। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के अन्तर्गत राज्य के आठ से 14 वर्ष तक के उदीयमान खिलाड़ियों को हर जनपद से डेढ़ सौ बालक-बालिकाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह प्रदान किया जाने की योजना लागू कर दी गई है।
संयुक्त निदेशक खेल डा. धर्मेन्द्र प्रकाश भट्ट ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा खेलनीति 2021 के अत्यन्त महत्वपूर्ण खिलाड़ियों से छात्रवृत्ति शासनादेश राज्य के प्रत्येक जनपद के 150 बालक एवं 150 बालिकाओं को मंजूरी दे दी गई है और खेल मंत्री के निर्देशानुसार विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार द्वारा सम्बन्धित शासनादेश जारी कर दिया गया है।
श्री भट्ट ने बताया कि 08 से 14 वर्ष के तहत विभिन्न आयुवर्ग के 25-25 खिलाडियों को यह छात्रवृत्ति दी जाएग। इसके तहत 08 से 09 वर्ष , 09 से 10 वषर्, 10 से 11 वर्ष , 11 से 12 वषर्, 12 से 13 वर्ष , 13 से 14 वर्ष के 25 बालक तथा 25 बालिकाओं को रू0 1500/- प्रतिमाह छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि छात्रवृत्ति हेतु बालक / बालिकाओं का चयन उनकी शारीरिक क्षमता जैसे-स्पीड,स्टैमिना, स्ट्रेंथ का आंकलन भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मानकों के आधार पर किया जायेगा।
प्रत्येक स्कूल के चयनित छात्र / छात्राओं का न्याय पंचायत स्तर पर परीक्षण होगा। तत्पश्चात् न्याय पंचायत के चयनित बालक / बालिकाओं का ब्लाक स्तर पर परीक्षण होगा और अन्तिम परीक्षण जनपद स्तर पर किया जायेगा। जनपद स्तर पर मैरिट के आधार पर प्रत्येक आयुवर्ग में प्रथम 25 बालक एवं 25 बालिकाओं अर्थात् प्रत्येक जनपद से कुल 150 बालक एवं 150 बालिकाओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी।
श्री भट्ट ने बताया कि यह छात्रवृत्ति एक वर्ष के लिए होगी, अगले वर्ष पुन: सभी का परीक्षण होगा । इस प्रकार की छात्रवृत्ति का परिणाम यह होगा कि जिन बच्चों को शारीरिक क्षमता के बल पर छात्रवृत्ति दी जायेगी, वे पुन: छात्रवृत्ति प्राप्त करने को मेहनत करेंगे तथा जो छात्रवृत्ति से वंचित (मैरिट में न आने के कारण ) रह गये होंगे, वो अगली बार अच्छी मेहनत करेंगे। नतीजतन स्वस्थ समाज के साथ ही राज्य के खेलों में अग्रणी होने की पूर्ण संभावना रहेगी। निदेशक खेल द्वारा सोमवार चार जुलाई को सभी जिला क्रीड़ाधिकारी के साथ वर्चुअल बैठक इसी परिपेक्ष्य में रखी गई है, ताकि यदि इस योजना के क्रियान्वयन में यदि कोई शंका / परेशानी / कमी दृष्टिगोचर हो तो उसका ससमय निवारण किया जा सके।