कोरोना संकट के बीच डेंगू का भय बरकरार, समय रहते जागरूकता जरूरी
देहरादून। कोरोना महामारी का प्रकोप उत्तराखंड में जारी है। लेकिन इसी बीच अब डेंगू का भी सीजन शुरू होने वाला है। पिछले साल भी राज्य में डेंगू ने अपना कहर बरपाया था। इस कारण प्रशासन की चुनौतियां बढ़ने लगी है। कोरोना के कारण राज्य सरकार की परेशानी बढ़ी हुई है। वहीं, दूसरी ओर डेंगू का सीजन आने ही वाला है। ऐसे में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी तो प्रशासन के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा हो जायेगा।
डेंगू के मच्छर पनपने के लिए जो मौसम होता है, उसकी शुरुआत होने वाली है। इस कारण प्रशासन को इसके लिए तैयार और आम लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। वरिष्ठ फिजिशियन केसी पंत का कहना है कि आने वाले दिनों में जब बरसात की शुरुआत होगी तो इस तरह की स्थिति देखने को मिल सकती है। पंत ने बताया की इसके लिए अस्पताल और डॉक्टर पूरी तरह से तैयार हैं। उनका कहना है की कोविड के दौरान डेंगू दस्तक देती तो सभी डॉक्टर्स इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। पिछले साल देहरादून में ही डेंगू के करीब तीन हजार से अधिक मरीज देखने को मिले थे। देहरादून नगर निगम का दावा है कि डेंगू से निपटने के लिए जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई है। नगर निगम ने डेंगू के लिए अभी से शहर से शहर को सेनेटाइज करने के साथ फॉगिंग और दवाइयों का छिड़काव शुरू कर दिया है। नगरायुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना है कि उनकी तैयारियां पूरी है और सभी पार्षदों को फॉगिंग मशीन के साथ छिड़काव के लिए दवाइयां भी उपलब्ध करा दी गयी हैं। नगरायुक्त का मानना है कि 15 जून से डेंगू का सीजन शुरू होता है। ऐसे में इस पर रोक लगाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पिछले साल डेंगू के कहर से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने सबक ली है। यही वजह है कि प्रशासन ने इसके लिए अभी से कसरत शुरू कर दी है। देहरादून में डीएम ने डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के साथ बैठक भी की है। इस दौरान डीएम ने उन इलाकों पर ज्यादा फोकस करने के लिए कहा है जहां पिछले साल सबसे ज्यादा डेंगू के केस मिले थे।