अंकिता के अंतिम संस्कार को लेकर होता रहा बबाल, देर सांय हुआ अंतिम संस्कार
श्रीकोट मोर्चरी के बाहर आक्रोशित लोगों ने काटा हंगामा
बद्रीनाथ राजमार्ग पर लगाया जाम
श्रीनगर। रविवार को दिन भर चले बबाल के बाद अखिरकार अंकिता का अंतिम संस्कार हो गया है। अंकिता के परिजनों की अपील के बाद प्रदर्शनकारी अंकिता के अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। भोगपुर में स्थित रिसॉर्ट में कार्यरत रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार भारी बबाल के बाद सांय 6 बजे एनआईटी घाट में हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता के न्याय दिलाएं जाने व मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक में किए जाने का आवासन मिलने के बाद परिजन माने। अंकिता के पिता की अपील करने के बाद आक्रोशित लोगों का गुस्सा शांत हुआ। अंकिता को अंतिम संस्कार के लिए एम्बुलेंस से एनआईटी के निकट पैतृक घाट पर लाया गया। जहां हजारों लोगों ने नम आंखों से अंकिता को अंतिम विदाई दी।
रविवार सुबह को अंतिम विदाई दी जानी थी, लेकिन एंड समय में स्वजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। स्वजनों द्वारा अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छेडख़ानी करने की आंशका को देखते हुए रिपोर्ट को सर्वाजनिक किए जाने की मांग रखी। अंकिता हत्याकांड को लेकर लोगों में गम व गुस्सा बरकरार है। श्रीनगर में अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग को लेकर जनता ने सुबह 11 बजे से बदरीनाथ हाईवे जाम किया। अंकिता के स्वजन ने भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात कही है।
रविवार सुबह से ही स्थानीय जनता श्रीकोट पोस्टमार्टम भवन पर एकजुट हुए। इस दौरान जनता ने प्रशासन के सम्मुख चार मांगे रखी। स्थानीय लोगों ने कहा कि जब तक अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सर्वाजनिक किए जाने, परिजनों को सरकारी नौकरी दिए जाने, एक करोड़ मुआवजा दिए जाने और आरोपियों को फांसी दिए जाने का लिखित आवासन नहीं दिया जाता तब अंकिता का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जायेगा। इसी बीच जिला प्रशासन ने अंकिता के पिता वीरेन्द्र सिंह भंडारी से बात की, लेकिन उनकी वार्ता विफल रही। उन्होंने कहा कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट सर्वाजनिक नहीं होती तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जायेगा। वहीं प्रशासन के साथ हुई लम्बी वार्ता के बाद अंकिता के पिता अंतिम संस्कार के लिए माने।
जिलाधिकारी गढ़वाल डा. विजय कुमार जोगदंडे ने लोगों से प्रशासन को सहयोग देते हुए अंतिम संस्कार कराने की अपील की, किंतु जनता नहीं मानी और भीड़ का आक्रोश और बढ़ गया। वहीं अंतिम संस्कार के लिए अंकिता का शव ले जाने की भनक लगते ही जनता, युवा व महिलाओं ने मोर्चरी में पहुंच की पुलिस से भीड़ गयी। जिसके बाद शव को ले जाने लगे तो वह एम्बुलेस को घेर लिया। लेकिन अंकिता के पिता के अग्रह के बाद आक्रोशित जनता मानी और अंतिम संस्कार होने दिया।