राज्य कैबिनेट में बड़े बदलाव की चर्चाओं ने पकड़ा जोर
भर्ती घोटालों पर बड़े एक्शन की तैयारी
देहरादून। भर्ती घोटालों पर कार्रवाई और अंकिता भंडारी मर्डर केस को लेकर उठ रहे कानून व्यवस्था के सवालों के बीच आज अचानक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दिल्ली दौरे पर जाना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। माना जा रहा है कि विधानसभा भर्तियों में हुई बड़ी गड़बड़ी को लेकर भाजपा हाईकमान द्वारा कोई बड़ा एक्शन लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आज सचिवालय में कुछ कामकाज निपटाना था और बुधवार को रामनगर में आयोजित होने वाली सरकार व पार्टी के चिंतन शिविर में भाग लेना था लेकिन अब इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है और मुख्यमंत्री धामी दिल्ली रवाना हो गए हैं। समझा जा रहा है कि वह पेपर लीक मामले और विधानसभा भर्ती घोटाले तथा अंकिता मर्डर केस को लेकर पार्टी हाईकमान और बड़े नेताओं को फीडबैक देने वाले हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी द्वारा जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर 2016 के बाद हुई सभी 228 भर्तियों व 22 आउट सोर्स भर्तियों कोे रद्द किया जा चुका है इस रिपोर्ट पर पूर्व स्पीकर प्रेमचंद्र अग्रवाल द्वारा की गई 72 भर्तियों को भी नियम विरुद्ध किए जाने की बात कही जाने के बाद वित्त मंत्री व पूर्व स्पीकर प्रेमचंद्र पर भी कार्यवाही की तलवार लटकी हुई है। क्योंकि विपक्ष जहां उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहा है वही आम आदमी की सोच तो यहां तक है कि उन्हें नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे देना चाहिए था लेकिन वह अभी भी कुर्सी से चिपके हुए हैं।
उधर अंकिता भंडारी मर्डर केस में भी भाजपा नेता विनोद आर्य और उनके बेटे की संलिप्तता से पार्टी की छवि को भारी नुकसान हुआ है भले ही अब उन्हें और उनके बड़े बेटे को ओबीसी आयोग के उपाध्यक्ष पद से हटाया जा चुका हो लेकिन भाजपा के दामन पर जो दाग लगा है उसे धोया नहीं जा सकता है।
चर्चा है कि विधानसभा भर्ती घोटाले व अंकिता मर्डर केस के कारण भाजपा की जो छवि पर दाग लगे हैं उसे धोने के लिए पार्टी कोई बड़ा संदेश देना चाहती है। राज्य कैबिनेट में बड़े फेरबदल को इसका जरिया बनाया जा सकता है। कैबिनेट में अभी 3 पद खाली हैं वहीं वर्तमान कैबिनेट से कुछ बड़े नेताओं की छुटृी कर नए कैबिनेट का गठन नवरात्रि के दौरान किया जा सकता है। भाजपा अकेले प्रेमचंद्र अग्रवाल को न हटा कर कुछ ऐसा करने की तैयारी में है कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे।