उत्तराखंड के 29 युवाओं ने की कदमताल, बढ़ाया सूबे का मान
माता-पिता ने शान से चढ़ाए अपने लाडलों के कंधे पर सितारे, अपने अंदाज में मनाई खुशी
देहरादून। देश की रक्षा के लिए मर-मिटने की बात हो तो उत्तराखंड के लाल हमेशा पहली पांत में खड़े दिखते हैं। माटी के लिए अपना सर्वस्व न्यौच्छावर करना देवभूमि के रणबांकुरों की सदियों पुरानी परंपरा रही है। सशस्त्र सेनाओं में सिपाही का रैंक पर हो या फिर अधिकारी, यहां उत्तराखंडियों का दबदबा कायम है। इस बार भी भारतीय सैन्य अकादमी से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर उत्तराखंड के 29 नौजवान पास आउट होकर बतौर लेफ्टिनेंट सेना की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। वीरभूमि के इन युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है।
अपने लाडलों को सैन्य वर्दी और कंधों पर सितारे चमकते देख स्वजनों के चेहरों पर भी खुशी के भाव देखते ही बन रहे थे। निजाम पवेलियन में हुई पीपिंग सेरेमनी में मां-पिता व अन्य परिजनों ने शान से अपने लाडलों के कंधे पर पीप्प (सितारे) चढ़ाए। अपने लाडलों के सपने साकार होने की खुशी हर किसी ने अपने अंदाज में मनाई। पीओपी में उत्तराखंड के लगभग सभी जनपदों का प्रतिनिधित्व रहा है। देहरादून के सबसे अधिक युवा पास आउट होकर सेना में अफसर बने हैं। पीपिंग व ओथ सेरेमनी की रस्म पूरी होने के बाद सभी उत्तराखंडी एक-दूजे से गले मिले। अब ये सभी सेना की अलग-अलग यूनिटों व रेजीमेंटों को ज्वाइन कर बतौर अफसर अपनी नई सैन्य पारी की शुरुआत करेंगे।