नई शिक्षा नीति समय की मांग थी : धामी
गुरुग्राम में एसजीटी विवि में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 से राष्ट्र निर्माण’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को हरियाणा के गुरुग्राम में एसजीटी विविद्यालय में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 से राष्ट्र निर्माण’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि नई शिक्षा नीति समय की मांग थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में मनुष्य से मानवता तक और अतीत से आधुनिकता तक सभी बिंदुओं का समावेश है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में नए भारत के निर्माण और सामथ्र्य को सार्थक करने में यह शिक्षा नीति अपनी प्रभावी भूमिका का निर्वहन करने में सफल होगी।
उन्होंने कहा कि एसजीटी विवि ने अपने कार्यों से गुरू गोविंद सिंह के रखे अपने नाम को चरितार्थ किया है। किसी भी देश के समन्वित विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा है। शिक्षा से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। नई शिक्षा नीति में मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषाओं के प्रयोग पर विशेष बल दिया गया है। यह कदम जहां एक ओर देश के सवार्ंगीण विकास हेतु सहायक सिद्ध होगा वहीं देश को एकता के एक सूत्र में पिरोने का कार्य भी करेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में कौशल विकास अभियान के तहत ’’युवा भारत-नया भारत’’ से युवाओं को प्रोत्साहन मिला है। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु इस शिक्षा नीति में जो विशेष प्राविधान किए गए हैं वे आत्मनिर्भर भारत के लिए नींव का पत्थर साबित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक शिक्षित और संस्कारी समाज के निर्माण में शिक्षकों की विशेष भूमिका रहती है। नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सभी शिक्षकों को पूरे मनोयोग से कार्य करने होंगे। यह महान कार्य तभी पूर्ण होगा जब नई शिक्षा नीति पूर्ण रूप से पूरे देश में लागू हो जाएगी। शिक्षा नीति को लागू करने के इस अभियान में हमारे शिक्षक पूर्ण उत्साह से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा एवं उच्च शिक्षा दोनों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2022 को लागू किया है। इस अवसर पर सांसद लल्लू सिंह, एसजीटी विविद्यालय के चांसलर राम बहादुर राय, कुलपति प्रो. ओपी कालरा, मधुप्रीत कौर चावला, मनमोहन सिंह चावला, विविद्यालय के अध्यापक एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।