G-KBRGW2NTQN रामचरित मानस विवाद में बढ़ सकती हैं स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें, केस दर्ज कराने के लिए दी गई तहरीर – Devbhoomi Samvad

रामचरित मानस विवाद में बढ़ सकती हैं स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें, केस दर्ज कराने के लिए दी गई तहरीर

रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी करने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। इस मामले को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा ने सपा नेता पर केस दर्ज कराने के लिए हजरतगंज कोतवाली में दी तहरीर दी है। हिंदू महासभा ने अपनी तहरीर में कहा है कि मौर्य के बयान से हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है साथ ही धार्मिक उन्माद फैलान का प्रयास किया गया।

सपा नेता के बयान का विरोध करते हुए अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि स्वामी प्रयास मौर्य के बयान के जरिए सनातन धर्म के अनुयायियों को जातिवाद और धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे हिंदू समाज में काफी रोष व्याप्त है। बताते चलें कि इससे पहले इसी बयान को लेकर अयोध्या कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की गई थी।

क्या कहा था स्वामी प्रसाद मौर्या ने

उल्लेखनीय है कि एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी करते हुए इसे प्रतिबंधित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जो भी विवादित अंश इस ग्रंथ में संकलित हैं, उन्हें निकाला जाना चाहिए। तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई- ‘ढोल-गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी’ का जिक्र करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि इस तरह की पुस्तक को जब्त किया जाना चाहिए। महिलाएं सभी वर्ग की हैं, क्या उनकी भावनाएं आहत नहीं हो रहीं हैं।

उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कहेंगे कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता। दूसरी तरफ तुलसी बाबा से गाली दिलवाकर कहेंगे कि इनको मारिए पीटिए। यही धर्म है तो ऐसे धर्म से हम तौबा करते हैं। हालांकि, बाद में एएनआइ न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रतिबंध की मांग नहीं रखी। श्रीरामचरितमानस में कुछ जातियों, वर्गों और वर्णों को लेकर जो आहत करने वाले अंश हैं, उन्हें हटाया जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *