देहरादून। प्रदेश सरकार अत्यंत गरीब वर्ग से आने वाले असंगठित क्षेत्र जैसे खनन क्षेत्रों, ईट भट्टों आदि में कार्य करने वाले श्रमिक के बच्चों को भी उचित स्कूली शिक्षा मिल सके इसके लिए मोबाइल स्कूल (चलते-फिरते स्कूल) शुरू करेगी।
उत्तराखंड के दूरस्थ गावों को भी पर्यटन गतिविधियों से जोड़कर ग्रामीण आर्थिकी को मजबूत करने के लए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में उपलब्धता एवं उपयुक्तता के आधार पर एक एक अमृत सरोवर या झील को पर्यटक स्थल एवं वाटर स्पोर्ट्स केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन के तहत उच्च प्रजाति के पशुधन उपलब्ध कराने आदि का कार्य किया जाएगा। स्वरोजगार के अवसरों की एक ही स्थान पर जानकारी उपलब्ध कराने व युवाओं को यथोचित सहयोग देने के लिए जिला सेवायोजन एवं कौशल विकास कार्यालय को स्वरोजगार केंद्र के नोडल कार्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री कौशल विकास एवं रोजगार योजना : विदेश में ऊंची पगार की नौकरी के लिए सरकार ने मुख्यमन्त्री कौशल विकास एवं रोजगार योजना शुरू करने का फैसला लिया है। जिसमें स्नातक पास छात्र-छात्राओं को दक्ष बनाया जाएगा, ताकि उन्हें उच्च वेतन पर विदेशों में नौकरी मिल सके। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में हर साल चार-पांच लाख बच्चे 12वीं पास करते और लगभग तीन-चार लाख बच्चे स्नातक की परीक्षा पास करते है।
स्नातक उत्तीर्ण करने के बाद छात्र-छात्राएं सरकारी नौकरी या किसी स्वरोजगार से नहीं जुड़ पाने की दशा में राज्य से बाहर जाकर या विदेशों में जाकर ड्राइवर या गार्ड जैसी नौकरी की तलाश करते हैं। आज दुनिया के कई देशों में, जिनमें जापान, ब्रिटेन, सऊदी अरब, जर्मनी, कनाडा, आस्ट्रेलिया आदि देश सम्मिलित हैं और जहां नसिर्ंग के क्षेत्र में, आयुष के क्षेत्र में, योग के क्षेत्र में या वृद्धों की देखभाल एवं सुरक्षा आदि सेक्टर में दक्ष युवाओं की व्यापक मांग है।