24 घंटे में पहुंचे 10 शव, सिसकारियों से मातम में बदला माहौल
मोर्चरी कर्मचारियों, चिकित्सकों के फूले हाथ-पांव
5 लावारिस शव पहले से होने के कारण मोर्चरी में नहीं बची जगह
रुड़की। कांवड़ मेले में अब हादसों का ग्राफ भी बढ़ गया है। मेले में सोमवार को मौतों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। रविवार आधी रात से लेकर सोमवार शाम तक लगातार मोर्चरी में शव पहुंचने का सिलसिला बना रहा। 24 घंटो में 10 शव पहुंचने से मोर्चरी स्टाफ के साथ ही चिकित्सकों के भी हाथ-पांव फूल गए।
उधर पहले से 5 लावारिस शव होने से मोर्चरी में शव रखने की भी जगह नहीं बची है। दिनभर मोर्चरी के बाहर सिसकारियों के बीच माहौल गमगीन बना रहा। शव लाते और ले-जाते परिजनों को देख हर किसी की आंखे नम बनी रही।
कांवड़ मेले में पिछले रविवार रात से आस्था का सैलाब उमड़ा है। एक तरफ जहां मेले में शिवभक्तों की भीड़ बनी है वहीं मौसम भी आग उगलने में लगा है। तेज धूप के साथ ही उमस भी हर किसी के पसीने के छुड़ा रही है। इस सबके बावजूद कांवड़ मागरे पर शिवभक्तों की रफ्तार कम नहीं है। उधर भीड़ और भीषण गर्मी के बीच कांवड़ मेले में हादसों का ग्राफ भी बढ़ चला है। पिछले दो दिनों से कांवड़ मागरे पर हादसों का ग्राफ भी बढ़ा हुआ है। जिसे लेकर पुलिस, एम्बुलैंस कर्मचारियों के साथ ही सिविल अस्पताल चिकित्सकों की भी टेंशन बढ़ी हुई है।
रविवार को आधी रात के बाद से कांवड़ मेले में वाहनों की भिड़ंत और हार्ट अटैक से मौतों का सिलसिला बना रहा। जिस कारण आधी रात के बाद से ही घायलों, मृतकों के सिविल अस्पताल पहुंचने का सिलसिला भी बना रहा। मृतकों, घायलों के साथ ही उनके परिजन भी अस्पताल में पहुंचते रहे, जिससे मोर्चरी के बाहर और अस्पताल परिसर में दिनभर भीड़ बनी रही। सिसकारियों के बीच मोर्चरी के बाहर दिनभर माहौल भी गमगीन बना रहा।
सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक संजय कंसल के मुताबिक रात 12 बजे के बाद से लेकर सोमवार शाम 5 बजे तक मोर्चरी में कुल 10 शव पहुंचे हैं।
इनमें सोमवार को सात शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया है, जबकि तीन शव अभी भी मोर्चरी में रखे हैं। इनके अलावा मोर्चरी में पहले से ही 5 लावारिस शव रखे हुए हैं। सीएमएस की मानें तो मोर्चरी में रखे फ्रीजर में एक साथ कुल 6 ही शव रखे जा सकते हैं, जिस कारण 2 अन्य शवो को सुरक्षित जगह पर रखवाया गया है।