G-KBRGW2NTQN महिलाओं पर आपराधिक घटनाओं के विरोध में महिला कांग्रेस का सीएम आवास कूच – Devbhoomi Samvad

महिलाओं पर आपराधिक घटनाओं के विरोध में महिला कांग्रेस का सीएम आवास कूच

देहरादून। प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती आपराधिक घटनाओं के विरोध में प्रदेश महिला कांग्रेस ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास कूच किया।

प्रदशर्नकारी महिलाओं को पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर आगे जाने से रोक दिया। जिस पर महिलाओं ने सड़क पर ही प्रदर्शन शुरू कर दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर धरने पर बैठ गई। दोपहर बाद पुलिस प्रदर्शन कर रही महिलाओं को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई, जहां बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

महिला कांग्रेस के इस प्रदर्शन को सभी बड़े नेताओं का समर्थन मिला। इस दौरान अंकिता भंडारी हत्याकांड का मुद्दा जोर-शोर से उठा। प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में सुबह से ही राज्यभर से आईं महिलाएं कांग्रेस भवन में एकत्रित होने लगी थीं। कांग्रेस भवन में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि अंकिता प्रकरण में आखिर भाजपा की राज्य और केंद्र की सरकार सीबीआई जांच कराए जाने से क्यों कतरा रही है।

 

इससे साबित होता है कि भाजपा ऐसा करके अपने उस वीआईपी नेता को बचा रही है, जिसका नाम पर्दे के पीछे सब जानते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से महिला अपराध से जुड़े मामलों में एक के बाद एक भाजपा नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, वह शर्मशार करने वाला है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य सरकार ने अंकिता हत्याकांड के सबूतों को नष्ट करने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले को लेकर तब तक लड़ती रहेगी, जब तक न्याय नहीं मिल जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड की बेटी अंकिता की निर्मम हत्या होने बावजूद भी अपराधी को इतना वक्त दिया गया कि वह साक्ष्य मिटा सके। महत्वपूर्ण साक्ष्य बुलडोजर से तोड़कर नष्ट कर दिए गए।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणोश गोदियाल ने कहा कि जिस वीआईपी के नाम पर अंकिता हत्याकांड को अंजाम दिया गया, उसके नाम का भी खुलासा करने में सरकार के दबाव में पुलिस प्रशासन कतरा रहा है। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की। पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि भाजपा सरकार विरोधी दल के नेताओं को डराने धमकाने का काम कर रही है, लेकिन वह डरने वाले नही हैं, चाहे भाजपा कुछ भी कर ले।

इस असवर पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत, मथुरा दत्त जोशी, सूर्यकांत धस्माना, नजमा खान, आशा मनोरमा डोबरियाल, उर्मिला थापा ढौंडियाल, जसविंदर सिंह गोगी, गरिमा दसौनी, मीना रावत, निधि नेगी, चन्द्रकला नेगी, पुष्पा पंवार, सुनीता प्रकाश, नंदा बिष्ट, महेन्द्र सिंह नेगी, नीलम रावत, खष्टी बिष्ट, शीशपाल सिंह बिष्ट, रेखा सोनकर, ललित फर्सवाण, लालचंद शर्मा, शोभा बिष्ट, खजान गुड्डू, दर्शन लाल, बिरेन्द्र रावत, संग्राम सिंह पुण्डीर, राधा बिष्ट, गीता पंवार, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, मनीष नागपाल, आशा रावत, मुन्नी तिवाडी़ अंशुल त्यागी व नीलम रावत आदि मौजूद रहे।

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