कोरोना के मरीजों के ठीक होने की रफ्तार रूकी
कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने से लड़खड़ा सकती अस्पतालों में व्यवस्थाएं
देहरादून। कोरोना संक्रमण के लिहाज से प्रदेश में न सिर्फ स्थिति दिन.प्रतिदिन गंभीर हो रही है, बल्कि चुनौतियां भी बढ़ती जा रही है। सिस्टम के सामने बड़ी चुनौती यह भी कि जिस तरह तेजी से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, उसी तरह संक्रमित मरीजों के ठीक होने की रफ्तार भी कम हो रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जुलाई में ही यहां पर मरीजों का रिकवरी रेट 23 प्रतिशत नीचे खिसका है। दो जुलाई को मरीजों का जो रिकवरी रेट 81 फीसद तक पहुंच गया था। वह 31 जुलाई को 58 फीसद पर आ पहुंचा। जिससे स्वास्थ्य विभाग , प्रशासन और शासन के माथे पर सिकन साफ दिखाई दे रही है। अस्पतालों व कोविड केयर सेंटरों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने से। आने वाले दिनों में अस्पतालों में व्यवस्थाएं लड़खड़ा सकती हैं।
मैदानी जिलों की तुलना में पर्वतीय जिलों में मरीजों का रिकवरी रेट बेहतर है। बागेश्वर में मरीजों का रिकवरी रेट सबसे ज्यादा है। चमोली, टिहरी, रुद्रप्रयाग व पौड़ी में रिकवरी रेट अस्सी फीसद से अधिक है। देहरादून में संक्रमित मरीजों की संख्या सबसे अधिक है , यहां मरीजों का रिकवरी रेट 70 फीसद के आसपास है। नैनीताल में मरीजों का रिकवरी रेट 61 फीसद है। वहीं ऊधमसिंहनगर व हरिद्वार में कोरोना के मरीजों की ठीक होने की रफ्तार सबसे कम है। इन दोनों जिलों में रिकवरी रेट क्रमशः 37 व 36 प्रतिशत है।