भारतीय ज्ञान परम्परा का सार हैं उपनिषद : धामी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उपनिषद भारतीय ज्ञान परम्परा का सार तत्व हैं और ऋषि मुनियों ने वेदों के गूढ़ तत्व को जिज्ञासुओं के लिए भाष्य रूप में उपनिषदों की रचना की। आज के दौर में उपनिषदों का महत्व बढ़ जाता है क्योंकि संपूर्ण विश्व को उपनिषदों में वर्णित भारतीय ज्ञान परम्परा के माध्यम से ही शांति और सौहार्द्र के मार्ग पर ले जाया जा सकता है। श्री धामी आज मुख्य सेवक सदन में राजनीतिक चिंतक, समाजसेवक और अध्यात्म के अध्येता प्रकाश सुमन ध्यानी की सद्य प्रकाशित पुस्तक “उपनिषदीय दर्शन बोध” के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
पुस्तक का प्रकाशन मातृभाषा के लिए पिछले 28 वर्ष से समर्पित “विनसर पब्लिशिंग कंपनी” ने किया है। विनसर प्रकाशन से श्री ध्यानी की यह दूसरी पुस्तक प्रकाशित हुई है। इससे पूर्व उनकी विश्व इतिहास दर्शन प्रकाशित हो चुकी है।
श्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि प्राचीन वैदिक ऋषियों की चिंतनस्थली रही है और प्राचीन ऋषियों से लेकर स्वामी विवेकानंद तक तमाम चिंतकों ने इसी भूमि पर मानव को जीने की उत्तम राह दिखाई।
उन्होंने ध्यानी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनका चिंतन समाज के लिए उपयोगी होगा और उपनिषद जैसे सार तत्व को साधारण बोलचाल की भाषा में परोस कर उन्होंने बहुत सराहनीय कार्य किया है। इससे नई पीढ़ी अध्यात्म और भारतीय ज्ञान परम्परा की जानकारी से लाभान्वित होगी।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि और विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूड़ी भूषण आज के दौर में संस्कार, संस्कृति और चेतना का ह्रास हो रहा है, ऐसे समय में भारतीय अध्यात्म के जरिए ही समाज को चेतना की ओर ले जाया जा सकता है और प्रकाश सुमन ध्यानी जी की पुस्तक उपनिषदीय दर्शन बोध इसमें मार्गदर्शिका सिद्ध हो सकती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि आज दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की बात हो रही है, इसका ज्ञान भी आवश्यक है लेकिन इसके साथ ही आध्यात्मिक इंटेलिजेंस का ज्ञान भी जरूरी है जो मानव मात्र को दर्शन का बोध कराता है।
उन्होंने कहा कि प्रकाश सुमन ध्यानी का एक जीव विज्ञानी से अध्यात्म विज्ञानी के रूप में रूपांतरित हो जाना सिद्ध करता है कि अविनाशी ज्ञान ही श्रेष्ठ है और प्रकाश सुमन ध्यानी का अध्ययन समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होगा, ऐसा विश्वास है।
उपनिषदीय दर्शन बोध पुस्तक के लेखक प्रकाश सुमन ध्यानी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस सभागार में देहरादून की सभी दिशाओं से लोग उन्हें आशीर्वाद देने पहुंचे हैं, इसके लिए उन्होंने हृदय से आभार व्यक्त किया।
इससे पूर्व विनसर प्रकाशन के अधिष्ठाता कीर्ति नवानी ने सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया तथा लोक गायिका रेखा उनियाल ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का आगाज किया।
कार्यक्रम का संचालन धाद के संपादक तथा गढ़वाली के सिद्धहस्त कवि गणेश खुगशाल गणी’ ने किया। इस अवसर पर कैंट क्षेत्र की विधायक श्रीमती सविता कपूर, महानगर भाजपा अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल तथा सैकड़ों की संख्या प्रबुद्धजन उपस्थित थे।