5 अगस्त को प्रदेश में दीपमाला प्रकाशित कर उत्सव मनाएगी भाजपा
देहरादून। भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड द्वारा राज्य में राम जन्म भूमि पूजन पर 5 अगस्त को प्रदेश में दीपमाला प्रकाशित कर उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन पूरे प्रदेश में सामाजिक दूरी का ध्यान रखते भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा के प्रदेश व जिला आदि कार्यालयों व अपने घरों पर दीपक जलाए जाएँगे। इस हेतु भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के साथ जन सामान्य से भी दीपमाला प्रकाशित करने का आग्रह किया है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व विधायक बंशी धर भगत ने भाजपा प्रदेश कार्यालय पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि 5 अगस्त का दिन भारत के इतिहास का स्वर्णिम पृष्ठ होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भगवान राम की जन्म स्थली पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन व शिलान्यास करेंगे। इस बारे में उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं व जन सामान्य से आग्रह किया है कि वे प्रातः प्रधानमंत्री द्वारा भूमि पूजन व शिलान्यास कार्यक्रम के दूरदर्शन पर होने वाले लाइव टेलिकास्ट को देखें। यह ऐतिहासिक क्षण होंगे जिनके हम सभी श्रद्धालु साक्षी बनना चाहेंगे। साथ ही उन्होंने सभी से यह भी अनुरोध किया है कि वे साँय अपने आवास पर दीप माला प्रकाशित करें। भाजपा कार्यकर्ताओं से अपेक्षा की गई है कि सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए वे प्रदेश, जिला स्तर पर भाजपा कार्यालयों पर दीप माला का प्रकाश करें और अपने घरों में भी दीपक जला कर इस महा उत्सव के भागीदार बनें। भगत ने कहा कि इसी क्रम में भाजपा प्रदेश कार्यालय देहरादून व संभाग कार्यालय हल्द्वानी में भी दीपमाला प्रकाशित की जाएगी। भगत ने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि रावत को किसी न किसी प्रकार मीडिया में दिखने का मीनिया है और इसके लिए वे अक्सर कुछ न कुछ करते रहते हैं चाहे उसका कोई भी औचित्य न हो। उनकी गैर सैण यात्रा भी मीडिया कवरेज यात्रा है,इससे अधिक कुछ नहीं। बाकी वहाँ जो विकास कार्य होने हैं वे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री से बात हुई है और मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा है कि कोरोना के नियंत्रण में आते ही यह कार्य कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले भी मंत्रीमंडल विस्तार पर निर्णय हो गया था पर कोरोना के कारण मामला लम्बित हो गया।
कोरोना के लिए विधायकों की वेतन कटौती के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें जो जानकारी मिली थी उसके अनुसार मूल वेतन के 30 प्रतिशत की कटौती होनी थी। जो हमने शुरू कर दी। लेकिन यदि कटौती में अन्य मदें भी जोड़ी जानी हैं तो स्थिति स्पष्ट कर उसके हिसाब से कटौती करा लेंगे। सरकार का जो भी निर्णय है हम उसके साथ हैं। लेकिन वेतन कटौती पर तो पहले कांग्रेस तैयार ही नहीं थी। उन्होंने कांग्रेस के इस दावे को खारिज कर दिया कि कोरोना काल में कांग्रेस ने बहुत सेवा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कोई उदाहरण तो दे।