प्रदेश कैबिनेट के फैसले
देहरादून। प्रदेश में यौन हिंसा मसलन बलात्कार, एसिड अटैक व या अन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं या मृत्यु हो जाने पर उसके आश्रितों को चार लाख से दस लाख रुपये तक का मुआवजा मिलेगा। प्रदेश कैबिनेट ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा तैयार यौन अपराध एवं अन्य अपराधों से पीड़ित महिला व अन्य पीड़ितों हेतु प्रतिकर योजना-2018 को प्रदेश में लागू करने को मंजूरी दे दी है। उत्तराखण्ड यौन अपराध एवं अन्य अपराधों से पीड़ित, उत्तरजीवी महिलाओं हेतु प्रतिकर योजना-2020 को विधिक सेवा प्राधिकरण व जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से लागू किया जाएगा।
जमरानी व सौंग बांध के लिए पीआईयू के गठन को मंजूरी
कैबिनेट ने प्रस्तावित राष्ट्रीय जमरानी बांध परियोजना के लिए परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) के गठन के लिए कुल 82 पदों की मंजूरी दी है। ये पद प्रतिनियुक्ति व आउटसोसिर्ंग से भरे जाएंगे। इसी तरह प्रस्तावित सौंग बांध परियोजना के लिए भी पीआईयू के गठन को मंजूरी दी। जिसमें गठन की अनुमति दी गई। इसके लिए कुल 61 पदों की मंजूरी दी गई, आउटसोसिर्ंग से पद भरने की भी अनुमति दी गई।
2017 तक के नसिर्ंग कर्मियों का चिकित्सा शिक्षा विभाग में होगा संविलयन
चिकित्सा विभाग के नसिर्ंग सेवा संवर्ग कार्मिक को चिकित्सा शिक्षा विभाग में 2017 तक कार्य करने वाले कार्मिकों के संविलियन करने की अनुमति दी गई है। यही नहीं उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विभाग में नसिर्ंग शिक्षक सेवा संवर्ग में टय़ूटर, असिस्टेट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर, उप प्रधानाचार्य एवं प्रधानाचार्य के पदों पर संविलियन(संशोधन) नियमावली 2020 को लाने की अनुमति दी गई। हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सालय शिक्षा विविद्यालय अधिनियम 2014 में संशोधन को मंजूरी देकर कुलपति की आयु सीमा 65 से 70 वर्ष की गई है।
जमींदारी विनाश अधिनियम संशोधन फिर विस में आएगा
उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 संशोधन अधिनियम की धारा 143(ख) को पुन: लाया जाएगा। इसै कैबिनेट में पहले भी मंजूरी दी थी लेकिन यह विधानसभा से पारित नही हो पाया था। इसी तरह तहसील त्यूनी-जौनसार भावर, देहरादून वर्ग 4 की भूमि के विनियमितीकरण हेतु उत्तराखण्ड जौनसार भावर जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था 1956 में संशोधन को मंजूरी दी गई है।