मुजफ्फरनगर कांड के विरोध में उत्तराखंडियों ने दिल्ली में मनाया काला दिवस
नई दिल्ली। महात्मा गांधी जयंती के दिन कोरोनाकाल में भी दिल्ली में रह रहे उत्तराखंडियों ने मुजफ्फरनगर काण्ड-94 के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस काण्ड के गुनाहगारों को 26 साल बाद भी सजा न दिये जाने के विरोध में संसद की चौखट जंतर मंतर पर काला दिवस के रूप पर मनाकर देश के हुक्मरानों को धिक्कारा। आंदोलनकारियों में इस बात से बेहद गुस्सा था कि जिस मुजफ्फरनगर काण्ड-94 के गुनाहगारों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय व देश की सर्वोच्च जांच एजेन्सी सीबीआई द्वारा दोषी ठहरा दिया गया है, उन्हें इस काण्ड के 26 साल बाद भी दंडित नहीं किया जा सका। प्रदर्शनकारियों ने एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति को प्रेषित किया। ज्ञापन में व्यवस्था के रक्षकों द्वारा देश के संविधान व मानवता को रौंदने वाले इस जघन्य काण्ड के दोषियों को तत्काल सजा दे कर संविधान, संस्कृति व न्याय की रक्षा करने का गुहार की लगाई गयी। यह आयोजन देव सिंह रावत के आह्वान पर आयोजित किया गया। राज्य गठन जनांदोलन के प्रमुख संगठनों व अन्य सामाजिक संगठनो ने उत्तराखंड आंदोलनकारी संगठनों की समन्वय समिति के बैनर तले यह कार्यक्रम रखा था। कार्यक्रम में खुशहाल बिष्ट, विनोद नेगी, जनमोर्चा के डा. एसएन बसलियाल, मनमोहन शाह, रणजीत सिंह नेगी, ब्रजमोहन सेमवाल, उत्तराखण्ड महासभा के अनिल पंत, शिवप्रसाद बलूनी, उमेश रावत, किशोर रावत, मोहन जोशी, बलवीर सिंह धर्मवान, हुकम सिंह कंडारी, प्रेम सिंह रावत, पदम सिंह बिष्ट, सहित अनेक लोग मौजूद थे।