दिवालीखाल में हुए लाठीचार्ज न सियासत शुरू
देहरादून। दिवालीखाल में हुए लाठीचार्ज पर कांग्रेस ने पूरे राज्य में पुलिस-प्रशासन के पुतले फूंके। कांग्रेस का आरोप है कि एक तरफ सरकार 3 साल से नंदप्रयाग-घाट के लोगों की बात नहीं सुन रही और फिर जो प्रदर्शनकारी अपनी बात कह रहे हैं, उन्हें पीटा जा रहा हैं। बातचीत में उपनेता सदन और कांग्रेस विधायक करण महारा ने कहा कि प्रदर्शनकारी महिलाओं पर पुलिस के जवानों ने थप्पर मारे, और उस दौरान महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। करण माहरा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री इसे प्रोफेशनल आंदोलनकारियों का काम बता रहे हैं, जो कि बेबुनियाद है। दिवालीखाल में हुए लाठीचार्ज पर कांग्रेस ने पूरे राज्य में पुलिस-प्रशासन के पुतले फूंके। कांग्रेस का आरोप है कि एक तरफ सरकार 3 साल से नंदप्रयाग-घाट के लोगों की बात नहीं सुन रही और फिर जो प्रदर्शनकारी अपनी बात कह रहे हैं, उन्हें पीटा जा रहा हैं। उपनेता सदन और कांग्रेस विधायक करण महारा ने कहा कि प्रदर्शनकारी महिलाओं पर पुलिस के जवानों ने थप्पर मारे, और उस दौरान महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। करण माहरा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री इसे प्रोफेशनल आंदोलनकारियों का काम बता रहे हैं, जो कि बेबुनियाद है। वहीं, मंगलवार को राज्य मंत्री और चमोली के प्रभारी धन सिंह रावत का भी बयान सामने आया। धन सिंह का कहना है कि कुछ लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया। और 10-12 दिन में पूरी रिपोर्ट सामने आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी। वहीं, पूरे मामले में सबसे ज्यादा सवाल उत्तराखंड पुलिस पर खड़े हो रहे हैं कि आखिर लाठीचार्ज की नौबत क्यों आई। इस पर डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि पुलिस पर पथराव किया गया, जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। साफ है कि बजट सत्र के पहले ही दिन गैरसैण में हुए लाठीचार्ज ने सियासत को सुलगा दिया है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदर्शनकारियों की नहीं, बल्कि पेशेवर आंदोलन जीवियों की करतूत है।