त्रिवेंद्र के बदलने पर गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने की अतीशबाजी
उत्तरकाशी। गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदले के भाजपा शीर्ष नेतृत्व के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने त्रिवेंद्र की विदाई होने पर आतीशबाजी भी की। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि त्रिवेंद्र रावत ने देवस्थानम बोर्ड बनाकर चारधाम विरोधी काम किया है। मंगलवार को जैसे ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नेअपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा,वैसे ही गगोंत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों में खुशी की लहर दौड़ आई और उन्होंने एक स्थान पर एकत्रित होकर खुशी में अतिशबाजी कर दीवाली मनाने की घोषणा की। तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि त्रिवेंद्र सरकार ने देवस्थानम बोर्ड बनाकर धर्म विरोधी कार्य किया है। देवस्थानम बोर्ड से गंगोत्री,यमुनोत्री, बदरीनाथ, केदारनाथ धामों के तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूक धारियों के अधिकारों के साथ सरासर खिलवाड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ लंबे समय तक आंदोलन चलाने के बाद भी त्रिवेंद्र सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी और उन पर यह काला कानून जबरन थोप दिया। उन्होंने कहा कि धर्म विरोधी कार्य करने पर भी आज त्रिवेंद्र को सीएम की कुर्सी गंवानी पड़ी है। उन्होंने नये बनने वाले मुख्यमंत्री से देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करने की भी मांग की है। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कह कि आज बहुत हर्ष का दिन है। इस दिन का तीर्थ पुरोहित बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। सनातन धर्म का विरोधी मुख्यमंत्री अब पूर्व हो गया। उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त किया तथा कहा कि हमारे लिये आज दिवाली का दिन है। इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, सचिव दीपकसेमवालख् पंडित रविंद्र सेमवाल, सह सचिव राजेश सेमवाल,रमाकांत सेमवाल, कुलानंद सेमवाल, हरीश सेमवाल, हरदीप सेमवाल,कुलानंद सेमवाल, प्रवीण सेमवाल, राकेश सेमवालख् संतोष सेमवाल, जितेंद्र सेमवाल, कुलदीप सेमवाल आदि मौजूद रहे।