भ्रष्टाचार व अकर्मण्यता के कारण गिरी त्रिवेंद्र सरकार: किशोर
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने त्रिवेंद्रसिंह रावत के इस्तीफे पर कहा कि यह उत्तराखंड की जनता के साथ षडय़न्त्र है। चुनावी वर्ष में एक अकर्मण्य, दिशा विहीन, भ्रष्ट मुख्यमंत्री को हटाकर भाजपा उत्तराखंड की जनता को भ्रमित करना चाहती हैं। राज्य के दो दशक की समयावधि में भाजपा ने राज्य निर्माण के समय में ही मुख्यमंत्री की कुर्सी को विवादास्पद बनाने का काम किया और जो बुनियाद डाली, 2007 और 2017 में भी उसी परिपाटी को आगे बढ़ाने का काम किया। भराड़ीसैंण में विधान सभा सत्र का जिस तरह आनन-फानन में अवसान किया गया और मुख्यमंत्री को बदला गया, यह भाजपा के दलीय दिवालियेपन का सबूत है। मुख्यमंत्री के इस्तीफे के पीछे दो कारण हो सकते हैं, या तो भाजपा के विधायकों में इतना असंतोष था कि भराड़ीसैंण में 18 मार्च, 2016 दोहराये जाने का डर था या त्रिवेंद्र रावत सरकार भ्रष्टाचार के दल-दल में डूब चुकी थी। इस प्रकरण से दिल्ली में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की बीच की केमिस्ट्री भी गड़बड़ाती लगती है। भाजपा के डब्बल इंजन की कलई खुल गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार में एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति हो गयी है । दिक्कत यह है कि छप्पन प्लस और 10 खेमों में बंटे भाजपा विधान मंडल दल में से मुख्यमंत्री किस को कैबिनेट में लेंगे। क्या विधान सभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी बदले जाएगे। पार्टी में दस खेमे हैं और सरकार व विधानसभा में जगह मात्र 14 हैं। आठ लोग तो मुख्यमंत्री पद के ही दावेदार थे। सवाल यह है कि अकेले शपथ लेने से आवश्यक प्रकरण पर मंत्री मण्डल की बैठक कैसे होगी। उन्होंने तंज किया कि आज की सियासी स्थिति से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत सबसे ज्यादा खुश होंगे।