चमोली। नंदा के मायके के बेटे बेटियां अमेरिका से कोरोना महामारी में देवदूत बने हैं। इसके चलते उनकी मदद लोगों तक बांटी जा रही है। उत्तराखंड की नंदा देवी के मायके (नौटी गांव) के बेटे और बेटियां कोरोना महामारी में मां नंदा के भक्तों की जीवन रक्षा में देवदूत के रूप में मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। हर 12 साल में मां नंदा के मायके (नौटी) से ससुराल (कैलाश) विदाई की नंदा राजजात यात्रा का शुभारंभ होता है। अमेरिका के न्यू जर्सी में पिछले कई दशकों से रह रही नौटी मूल की संजना कैलखुरा रतूडी तथा दीपक नौटियाल ने मिल कर नौटी तथा आस पास के गांवों के लोगों को कोरोना महामारी से निपटने के लिए उपकरण तथा राहत सामग्री भेजी है। सोमवार को दीपक नौटियाल के भाई विजय नौटियाल तथा संजना कैलखुरा रतूड़ी के भाई उमेश कैलखुरा ने यह सामग्री सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा राजीव शर्मा तथा राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय नौटी के चिकित्साधिकारी डा प्रकाश भट्ट के सुपुर्द की गई। उन्होंने आशा तथा आंगनवाड़ी वर्कर को सामग्री वितरण के लिए दे दी है। इस पर चिकित्साधिकारी डा भट्ट ने प्रवासियों का आभार जताया। इस दौरान नंदा राजजात समिति के महामंत्री भुवन नौटियाल, डा मनोज मिश्रा, डा बीपी पुरोहित, डा हरीश थपलियाल, चीफ फार्मासिस्ट चंद्रमोहन नौटियाल आदि मौजूद रहे। इससे पूर्व अमेरिका के ही न्यू जर्सी में रह रही नौटी की बेटी ईशानी नौटियाल ने 15 हजार डॉलर की राशि एकत्रित कर मदद का हाथ बढ़ाया था। यह सिलसिला अब भी जारी है।