नियमावली के विपरीत 250 पद सृजित करने पर सरकार का जवाब तलब
नैनीताल। नैनीताल उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग में उत्तराखंड शिक्षा नियमावली 2006 के विपरीत 250 उच्च अधिकारियों के पद सृजित करने के मामले में राज्य सरकार का जवाब तलब कर लिया है। जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। बुधवार को यह जवाब तलब देहरादून निवासी सतीश चन्द्र लखेड़ा की एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त खण्डपीठ ने किया है। इसमें याचिका कर्ता ने 2016 के शासनादेश को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता का कहना है 2006 की उत्तराखंड शिक्षा नियमावली के अनुसार शिक्षा विभाग में एक निदेशक होगा और हर रीजन में एक क्षेत्रीय निदेशक होगा, परन्तु सरकार ने 2016 में एक शासनादेश जारी कर एक निदेशक की जगह तीन निदेशक नियुक्त कर दिए और हर रीजन में एक रीजनल डायरेक्टर की जगह दस- दस रीजनल डायरेक्टर नियुक्त कर दिए हैं। इनकी संख्या लगभग 250 के आसपास है। याचिकाकर्ता ने इस शासनादेश को निरस्त करने की मांग की है। इसमें कहा गया है कि जो लोग इन पदों में कार्यरत है उनको कार्यमुक्त कर उनसे रिकवरी की जाय। इससे सरकारी धन का दुरुप्रयोग बचेगा। याचिकाकर्ता की ओर से न्यायालय को अवगत कराया गया कि जब उन्होंने इस सम्बंध में जनहित याचिका दायर की है उनको समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला है कि सरकार अब 250 पदों को समाप्त करने जा रही है।