G-KBRGW2NTQN सावधान: तीसरी लहर हो सकती है घातक : एम्स निदेशक – Devbhoomi Samvad

सावधान: तीसरी लहर हो सकती है घातक : एम्स निदेशक

ऋषिकेश। कोविड गाइडलाइन के पालन को लेकर यदि लोग अब भी लापरवाह बने रहे तो कोरोना का ’डेल्टा वेरिएंट’ तीसरी लहर का कारण बन सकता है। इन हालातों में तीसरी लहर के खतरे को कम करने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश ने नागरिकों को कोविड नियमों का पालन गंभीरता से सुनिश्चित करने की सलाह दी है। वि स्वास्थ्य संगठन के अनुसार डेल्टा वेरिएंट अभी तक वि के 100 देशों में पाया जा चुका है। डेल्टा वेरिएंट को बी 1.617.2 स्ट्रेन भी कहते हैं। जबकि ’डेल्टा प्लस’ वेरिएंट बी 1.617.2.1 है। कोरोना वायरस के स्वरूप में आ रहे बदलावों की वजह से ही डेल्टा वायरस बना है। एम्स निदेशक प्रो रवि कांत ने बताया कि कोरोना वायरस के अन्य सभी वेरिएंटों की तुलना में डेल्टा प्लस वेरिएंट की वजह से फेफड़ों में कोविड निमोनिया का संक्रमण ज्यादा हो सकता है। यह भी संभावना है कि कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट में एंटीबॉडी कॉकटेल जैसी दवा का भी शत-प्रतिशत असर नहीं हो पाए। लेकिन इतना जरूर है कि वैक्सीन लगा चुके लोगों में इसकी वजह से गंभीर किस्म के संक्रमण का कोई मामला फिलहाल भारत में नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि अब तक देश के 12 राज्यों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। निदेशक एम्स प्रो रवि कांत ने कहा कि तीसरी लहर डेल्टा प्लस वेरिएंट के कारण आएगी, यह कहना अभी संभव नहीं है। गत माह एम्स ऋषिकेश द्वारा आईसीएमआर को भेजे गए कोविड के 15 सैंपलों में से एक में भी डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। इन सैंपलों को रेन्डम के आधार पर एकत्रित किया गया था।

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