शीघ्र दूर होगी मेडिकल कालेजों में स्टाफ की कमी : डा. धन सिंह
देहरादून। नव नियुक्त स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज विभागीय वैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये। इनमें मेडिकल कालेजों में स्टाफ की कमी दूर करने के लिए सेवा नियमावली में संशोधन करने का निर्णय प्रमुख है। विधानसभा स्थित कार्यालय में आहूत बैठक में डा. रावत ने फैकल्टी की भर्ती में आ रही दिक्कतों के मध्यनजर सेवा नियमावली में संशोधन करने की बात कही। जिसमें भर्ती की अधिकतम आयु सीमा एवं अन्य बिन्दुओं पर संशोधन प्रस्ताव शीघ्र कैबिनेट में लाया जायेगा। कोरोना तीसरी लहर के मद्देनजर प्रत्येक मेडिकल कालेज में बच्चों के लिए 100-100 बेड आरक्षित रखे जायेंगे। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से सभी मेडिकल कालेजों में शीघ्र पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जायेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य के मेडिकल कालेजों में फैकल्टी की भर्ती में अधिकतम आयु सीमा 42 वर्ष होने के कारण अनुभवी चिकित्सकों की तैनाती नहीं हो पा रही है। इस समस्या को देखते हुए विभागीय अधिकारियों को मेडिकल कालेजों की सेवा नियमावली संबंधी सभी समस्याओं को हल निकालते हुए संशोधित सेवा नियमावली शीघ्र कैबिनेट में लाने के निर्देश दिये गये। देहरादून, हल्द्वानी एवं श्रीनगर मेडिकल कालेजों के प्राचार्यों को कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मध्यनजर बच्चों के लिए 100-100 बेड तैयार रखने को कहा गया है साथ ही कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट की रोकथाम के लिए भी प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये हैं। विभागीय मंत्री ने कहा कि मेडिकल कालेजों में सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए साथ ही आउट सोर्स के माध्यम से तैनात सफाईकर्मियों की उपस्थित भी सुनिश्चित की जाय। सभी मेडिकल कालेजों को प्रत्येक दिन अपना मेडिकल बुलेटिन जारी करने के भी निर्देश दिये गये। इस कार्य के लिए जनसंपर्क अधिकारी अथवा किसी सक्षम अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपने को कहा गया। बैठक में मेडिकल कालेजों में संचालित छात्रावासों के रख रखाव एवं भोजन व्यवस्था को भी दुरूस्त बनाने के निर्देश दिये गये। 15 अगस्त से पहले पिथौरागढ़ एवं हरिद्वार में स्वीकृत मेडिकल कालेजों के भूमि पूजन व शिलान्यास तथा नवम्बर माह से अल्मोड़ा एवं रुद्रपुर मेडिकल कलेज को संचालित करने के लिए कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। बैठक में महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने भी शिरकत की। उन्होंने मेडिकल कालेजों के संचालन में आ रही कानूनी अडचनों पर विभागीय अधिकारियों को विधिक राय दी।