धारचूला आपदा में दो लापता लोगों की तलाश जारी
पिथौरागढ़। धारचूला के जुम्मा गांव में बादल फटने की घटना के बाद रेस्क्यू अभियान अभी जारी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसएसबी और प्रशासन के साथ ही स्थानीय लोग भी रेस्क्यू में मदद कर रहे हैं। सोमवार (30 अगस्त) तड़के हुई इस घटना में मलबे में दबे 7 लोगों में से 3 बच्चियों समेत 5 लोगों के शव मलबे से बरामद कर लिए गए हैं।
डॉग स्क्वॉड की टीम के जरिये दो लापता लोगों की तलाश अभी जारी है। जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि 2 लापता व्यक्ति चंदर सिंह (पुत्र बिशन सिंह) व हजारी देवी (पत्नी चंदन सिंह) की खोजबीन का जारी है। घटना में घायल अन्य 2 लोगों को धारचूला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। पिथौरागढ़ के धारचूला में बादल फटने के बाद मची तबाही के निशान लोगों को अब भी रह-रहकर डरा रहे हैं। आपदा की चपेट में आने से हंसता-खेलता जुम्मा गांव कब्रिस्तान में तब्दील हो गया है। आसमानी आफत में यहां 7 जिंदगियां मौत के आगोश में समा गई हैं। वहीं, 7 मकान भी जमींदोज हो गए हैं। जुम्मा गांव के जामुनी और सिरौउड़यार तोक के सभी आपदा प्रभावितों को सरकारी भवनों और नजदीक के गांव में शिफ्ट कराया जा रहा है, साथ ही चिकित्सा टीम घटना क्षेत्र में पहुंच गई है। राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। जुम्मा गांव के अलावा एनएचपीसी के प्रशासनिक भवन को भी भारी नुकसान हुआ है। बादल फटने के बाद काली नदी का प्रवाह इतना तेज था कि एनएचपीसी के मुख्य भवन को भी उसने चपेट में ले लिया। यही नहीं, बीआरओ का एक हॉटमिक्स प्लांट, एक डंपर और तकरीबन 100 मीटर की रोड काली नदी में समा गई है। वहीं, ऐलागाड़ के पास नेपाल से आ रहे भारी मलबे के कारण काली नदी का बहाव भी प्रभावित हुआ है, जिस कारण झील बनने का खतरा बना हुआ है।
पिथौरागढ़। धारचूला के जुम्मा गांव में बादल फटने की घटना के बाद रेस्क्यू अभियान अभी जारी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसएसबी और प्रशासन के साथ ही स्थानीय लोग भी रेस्क्यू में मदद कर रहे हैं। सोमवार (30 अगस्त) तड़के हुई इस घटना में मलबे में दबे 7 लोगों में से 3 बच्चियों समेत 5 लोगों के शव मलबे से बरामद कर लिए गए हैं।
डॉग स्क्वॉड की टीम के जरिये दो लापता लोगों की तलाश अभी जारी है। जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि 2 लापता व्यक्ति चंदर सिंह (पुत्र बिशन सिंह) व हजारी देवी (पत्नी चंदन सिंह) की खोजबीन का जारी है। घटना में घायल अन्य 2 लोगों को धारचूला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। पिथौरागढ़ के धारचूला में बादल फटने के बाद मची तबाही के निशान लोगों को अब भी रह-रहकर डरा रहे हैं। आपदा की चपेट में आने से हंसता-खेलता जुम्मा गांव कब्रिस्तान में तब्दील हो गया है। आसमानी आफत में यहां 7 जिंदगियां मौत के आगोश में समा गई हैं। वहीं, 7 मकान भी जमींदोज हो गए हैं। जुम्मा गांव के जामुनी और सिरौउड़यार तोक के सभी आपदा प्रभावितों को सरकारी भवनों और नजदीक के गांव में शिफ्ट कराया जा रहा है, साथ ही चिकित्सा टीम घटना क्षेत्र में पहुंच गई है। राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। जुम्मा गांव के अलावा एनएचपीसी के प्रशासनिक भवन को भी भारी नुकसान हुआ है। बादल फटने के बाद काली नदी का प्रवाह इतना तेज था कि एनएचपीसी के मुख्य भवन को भी उसने चपेट में ले लिया। यही नहीं, बीआरओ का एक हॉटमिक्स प्लांट, एक डंपर और तकरीबन 100 मीटर की रोड काली नदी में समा गई है। वहीं, ऐलागाड़ के पास नेपाल से आ रहे भारी मलबे के कारण काली नदी का बहाव भी प्रभावित हुआ है, जिस कारण झील बनने का खतरा बना हुआ है।