यौन शोषण नहीं ब्लैकमेलिंग था जे॰ पी॰ जोशी प्रकरण
• यौन शौषण के आरोप से जे पी जोशी हुए बरी।
• ब्लैकमेलिंग के अभियोग में तथाकथित पीड़िता आइना राय सहित चार अभियुक्तों को सजा हुई ।
वर्ष २०१३ में दिल्ली में दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड शासन के तत्कालीन अपर सचिव जे पी जोशी पर यौन शौषण का अभियोग पंजीकृत किया गया था एवं जे पी जोशी द्वारा भी ब्लैकमेलिंग का अभियोग पंजीकृत करवाया गया था जिसमे अन्वेषण के उपरांत ब्लैकमेलिंग में छह अभियुक्तों तत्कालीन संयुक्त सचिव (वर्तमान अपर सचिव) सुमन सिंह वल्दिया, संजय बनर्जी, नीरज चौहान, शाइनी मैक खान, अमित गर्ग तथा आइना राय को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था जबकि यौन शोषण में जे पी जोशी और रितु कंडियाल को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। उपरोक्त दोनों मुकदमें पिछले वर्ष सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से उत्तराखंड से दिल्ली स्थानांतरित किए गए थे। नई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा उपरोक्त दोनों मुकदमों में निर्णय सुनाते हुए श्री जे पी जोशी एवं ऋतु कंडियाल को यौन शौषण के मुकदमे में बाइज्जत बरी किया गया। ब्लैकमेलिंग के अभियोग में नीरज चौहान, शाइनी मैक खान, अमित गर्ग तथा आयना राय (यौन शौषण के अभियोग की तथाकथित पीड़िता) को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120 B, 385, 389, 504 तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के अंतर्गत दोषसिद्ध घोषित कर दिल्ली की तिहाड़ जेल भेजा गया एवं उनकी सजा के प्रश्न पर आज दिनांक 10.12.2021 को सुनवाई नियत की गई है।ब्लैकमेलिंग में संजय बनर्जी और सुमन सिंह वल्दिया बरी हुए ।