कांग्रेस की रैली में उमड़ा जनसैलाब, मेरा और आपका कुर्बानी का रिश्ता : राहुल गांधी
देहरादून परेड ग्राउंड में जनसभा को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने करीब आधा घंटा संबोधित किया। उन्होंने सबसे पहले हाल ही में कुन्न्ूर हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी व अन्य सैन्य अधिकारियों के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं यहां आ रहा था तो मैं सोच रहा था कि उत्तराखंड के साथ मेरा क्या रिश्ता है और मुझे याद आया कि जब मैं छोटा था तो यहां दून स्कूल में पढ़ा करता था। आपके साथ दो-तीन साल रहा और आपने उस समय मुझे बहुत प्यार दिया। फिर मैंने सोचा कि मेरे परिवार का और उत्तराखंड का रिश्ता क्या है। मुझे बहुत याद आया कि 31 अक्टूबर का, जब मेरी दादी स्व. इंदिरा गांधी देश के लिए शहीद हुई और मुझे फिर याद आया, जिस दिन मेरे पिता इस देश के लिए शहीद हुए तो मुझे याद आया कि मेरा और आपका कुर्बानी का रिश्ता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के हजारों हजार परिवारों ने भी देश के लिए कुर्बानी दी है। वही कुर्बानी मेरे परिवार ने भी दी है। जो लोग यहां खड़े हैं, जिन्होंने अपना खून खोया है व अपना खून दिया है, वे मेरे व उत्तराखंड के बीच के इस रिश्ते को बहुत अच्छी तरह समझेंगे। यहां उपस्थित जिन लोगों ने सेना में अपनों को खाया है, उन परिवारों को यह बात बहुत सही से समझ आएगी कि कुर्बानी क्या होती है, किंतु जिस परिवार ने कुर्बानी नहीं दी होगी, जिनका योगदान नहीं रहा होगा, उनको यह बात समझ में नहीं आ सकती। जिन लोगों ने सेना में अपनों को खोया है, उन्हें यह कहना चाहिए कि उत्तराखंड ने देश को सबसे ज्यादा खून दिया।
राहुल गांधी ने १९७१ के युद्ध को याद करते हुए कहा कि 13 दिन में पाकिस्तान ने अपना सिर झुका दिया था। आमतौर से युद्ध 6 महीने से लेकर दो-तीन साल भी लग जाते हैं। यहां तक कि अमेरिका ने अफगानिस्तान को हराने के लिए कितना जोर लगाया, किंतु हिंदुस्तान ने पाकिस्तान को 13 दिन में हरा दिया। उन्होंने कहा कि देश एकजुट होगा व देश एक साथ मिलकर एक आवाज के साथ बोलता है तो देश के खिलाफ कोई शक्ति नहीं है, जो कुछ बोल सके। लेकिन आज स्थिति यह है कि देश को बांटा जा रहा है। देश को कमजोर किया जा रहा है। एक भाई दूसरे से लड़ रहा है और दूसरे को डरा रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि पूरी सरकार आज दो तीन पूंजीपति उद्योगपतियों के हाथों में खेल रही है। हाल ही किसान बिल जो किसानों के खिलाफ था, किसानों को खत्म करने के लिए बनाए गए थे। हाल ही में प्रधानमंत्री कहते हैं गलती हो गई, माफी मांगता हूं? इस दौरान किसान शहीद हो गए, इस पर सरकार कहती है कोई किसान शहीद नहीं हुए। जबकि पंजाब में ४०० व हरियाणा में ७० किसानों के शहीद होने का रिकार्ड है।
उन्होंने कहा कि भले ही मीडिया वाले कुछ भी कह दें, लेकिन सच्चाई को छुपाया नही जा सका।
उन्होंने कहा कि जीएसटी, नोटबंदी ने जहां गरीब व छोटे वर्ग को खत्म करने का काम किया, वहीं कोरोनाकाल में बड़े पूंजीपतियों का टैक्स माफ किया गया, जबकि गरीबों को ट्रेन का टिकट तक नहीं उपलब्ध कराया गया। इस तरह के कार्य छोटे बिजनेसमैन, गरीब तबका व मजदूर वर्ग पर दो-तीन पूंजीपतियों का आक्रमण था।