राज्यपाल ने पर्वतीय क्षेत्रों में गांव की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका को प्रमुख बताया
पिथौरागढ़। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह शुक्रवार को पिथौरागढ़ पहुंचे। इस दौरान डीआरडीओ विश्राम गृह में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, वनाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ बैठक की।
राज्यपाल ने कहा कि पिथौरागढ़ एक सीमांत जनपद है और यहां की भौगोलिक परिस्थितियां अपने आप में अलग हैं। यहां सड़क कनेक्टिविटी के साथ ही संचार माध्यमों को बेहतर करना जरूरी है। इस क्षेत्र में कार्य किया जाए। उन्होंने बीआरओ द्वारा सीमान्त क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य को बेहतर बताया और कहा कि जिला प्रशासन इसमें उन्हें सहयोग कर रहा है। राज्यपाल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामीण महिला ही गांव की अर्थव्यवस्था में अपनी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। इन्हें और अधिक मजबूत बनाने के लिए जो महिला स्वयं सहायता समूह आजीविका के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं, उन्हें प्रोत्साहित कर उनके उत्पादों को बाजार तक लाने की व्यवस्था की जाए। उनके उत्पादों का सही दाम बाजार में मिले इसके लिए बेहतर पैकेजिंग को मशीन व उपकरण उपलब कराए जाएं।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने राज्यपाल को जिले की भौगोलिक परिस्थितियों, संचालित कार्य, किए जा रहे अभिनव प्रयासों के साथ ही यहां सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं, प्राकृतिक आपदा की घटनाओं और उनसे निपटने को किये जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से बताया। पुलिस अधीक्षक लोके र सिंह ने जिले में कानून व शांति व्यवस्था तथा मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल ने जिले में संचालित विभिन्न विकास कायरे की जानकारी दी।
आरडीओ विश्राम गृह में अध्यक्ष जिला पंचायत दीपिका बोहरा, विधायक चंद्रा पंत, उपाध्यक्ष कोमल मेहता, जिला रेडक्रस सोसाइटी के अध्यक्ष एमसी पंत, भगवान सिंह, पूर्व सैनिक संगठन के ललित सामंत, दान सिंह वल्दिया आदि ने स्वागत किया। इस दौरान एडीसी रचिता जुयाल, मेजर तरुन कुमार, एडीएम फिंचा राम चौहान, संयुक्त मजिस्ट्रेट नंदन कुमार, वनाधिकारी अभिमन्यु, पीडी आशीष पुनेठा आदि अधिकारी आदि उपस्थित थे। इससे पूर्व पिथौरागढ़ पहुंचने पर राज्यपाल का स्थानीय पुलिस लाइन में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व सीडीओ सहित सेना के 119 ब्रिगेड के अधिकारियों ने स्वागत किया। पुलिस टीम ने राज्यपाल को गार्ड ऑफ आनर दिया।
राज्यपाल ने महिला समूहों के प्रयासों को सराहा
डीआरडीओ विश्राम गृह में राज्यपाल ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये गए स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। राज्यपाल ने महिलाओं द्वारा निर्मित विभिन्न हस्तकला उत्पादों की प्रशंसा करते हुए महिलाओं से कहा कि वह अपने उत्पाद को और अधिक मात्रा में बनाएं, उन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने महिला समूह द्वारा डायरी के बाहर बनाई गई स्थानीय ऐपण कला के कार्य की सराहना करते हुए उन्हें राजभवन के लिए ऐसी ही 100 डायरी बनाने तथा हुड़ेती निवासी व्यक्ति लकड़ी की कलाकृति से बनाए गए केदारनाथ धाम की चार कलाकृतियों को राजभवन उत्तराखंड के लिए बनाने की बात कही।
इस अवसर पर राज्यपाल ने जिले के पूर्व सैनिकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं और उनके समाधान के लिए सुझाव भी लिये। उन्होंने जिला मुख्यालय में सेवानिवृत्त मेजर ललित सामंत द्वारा युवाओं को सेना में भर्ती किए जाने को प्रशिक्षण के लिए चलाए जा रही एकलव्य एकेडमी के प्रयासों व कायरे की सराहना की और कहा कि इस प्रकार की एकेडमी प्रदेश के प्रत्येक जिले में खोली जाए, ताकि यहां से अधिक से अधिक युवा सेना में जा सकें।
पिथौरागढ़। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह शुक्रवार को पिथौरागढ़ पहुंचे। इस दौरान डीआरडीओ विश्राम गृह में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, वनाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ बैठक की।
राज्यपाल ने कहा कि पिथौरागढ़ एक सीमांत जनपद है और यहां की भौगोलिक परिस्थितियां अपने आप में अलग हैं। यहां सड़क कनेक्टिविटी के साथ ही संचार माध्यमों को बेहतर करना जरूरी है। इस क्षेत्र में कार्य किया जाए। उन्होंने बीआरओ द्वारा सीमान्त क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य को बेहतर बताया और कहा कि जिला प्रशासन इसमें उन्हें सहयोग कर रहा है। राज्यपाल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामीण महिला ही गांव की अर्थव्यवस्था में अपनी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। इन्हें और अधिक मजबूत बनाने के लिए जो महिला स्वयं सहायता समूह आजीविका के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं, उन्हें प्रोत्साहित कर उनके उत्पादों को बाजार तक लाने की व्यवस्था की जाए। उनके उत्पादों का सही दाम बाजार में मिले इसके लिए बेहतर पैकेजिंग को मशीन व उपकरण उपलब कराए जाएं।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने राज्यपाल को जिले की भौगोलिक परिस्थितियों, संचालित कार्य, किए जा रहे अभिनव प्रयासों के साथ ही यहां सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं, प्राकृतिक आपदा की घटनाओं और उनसे निपटने को किये जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से बताया। पुलिस अधीक्षक लोके र सिंह ने जिले में कानून व शांति व्यवस्था तथा मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल ने जिले में संचालित विभिन्न विकास कायरे की जानकारी दी।
आरडीओ विश्राम गृह में अध्यक्ष जिला पंचायत दीपिका बोहरा, विधायक चंद्रा पंत, उपाध्यक्ष कोमल मेहता, जिला रेडक्रस सोसाइटी के अध्यक्ष एमसी पंत, भगवान सिंह, पूर्व सैनिक संगठन के ललित सामंत, दान सिंह वल्दिया आदि ने स्वागत किया। इस दौरान एडीसी रचिता जुयाल, मेजर तरुन कुमार, एडीएम फिंचा राम चौहान, संयुक्त मजिस्ट्रेट नंदन कुमार, वनाधिकारी अभिमन्यु, पीडी आशीष पुनेठा आदि अधिकारी आदि उपस्थित थे। इससे पूर्व पिथौरागढ़ पहुंचने पर राज्यपाल का स्थानीय पुलिस लाइन में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व सीडीओ सहित सेना के 119 ब्रिगेड के अधिकारियों ने स्वागत किया। पुलिस टीम ने राज्यपाल को गार्ड ऑफ आनर दिया।
राज्यपाल ने महिला समूहों के प्रयासों को सराहा
डीआरडीओ विश्राम गृह में राज्यपाल ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये गए स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। राज्यपाल ने महिलाओं द्वारा निर्मित विभिन्न हस्तकला उत्पादों की प्रशंसा करते हुए महिलाओं से कहा कि वह अपने उत्पाद को और अधिक मात्रा में बनाएं, उन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने महिला समूह द्वारा डायरी के बाहर बनाई गई स्थानीय ऐपण कला के कार्य की सराहना करते हुए उन्हें राजभवन के लिए ऐसी ही 100 डायरी बनाने तथा हुड़ेती निवासी व्यक्ति लकड़ी की कलाकृति से बनाए गए केदारनाथ धाम की चार कलाकृतियों को राजभवन उत्तराखंड के लिए बनाने की बात कही।
इस अवसर पर राज्यपाल ने जिले के पूर्व सैनिकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं और उनके समाधान के लिए सुझाव भी लिये। उन्होंने जिला मुख्यालय में सेवानिवृत्त मेजर ललित सामंत द्वारा युवाओं को सेना में भर्ती किए जाने को प्रशिक्षण के लिए चलाए जा रही एकलव्य एकेडमी के प्रयासों व कायरे की सराहना की और कहा कि इस प्रकार की एकेडमी प्रदेश के प्रत्येक जिले में खोली जाए, ताकि यहां से अधिक से अधिक युवा सेना में जा सकें।
प्रेम ‘नेचुरल’ पिथौरागढ़