सिलोड़ा के ग्रामीणों के द्वारा सड़क की मांग वार्ता के बाद हुआ स्थगित
रिपोर्टिंग.. सत्यप्रकाश ढौडियाल
ग्रामीणों,क्षेत्रीय विधायक ,स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं कांग्रेस जिलाध्यक्ष के मध्य वार्ता के बाद विभाग को दिया 15 दिन का समय
घनसाली। प्रतापनगर के पट्टी उपली रमाेली के सिलाेडा के ग्रामीणाें का 27 दिसंबर काे सडक की मांग काे लेकर काैडार मे प्रस्तावित चक्काजाम आंदाेलन क्षेत्रीय विधायक विजय सिह पंवार, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवम क्षेत्र पंचायत सदस्य राकेश राणा ,राज्य आंदोलनकारी वरिष्ठ नेता देवी सिंह पवार, ग्राम शिलोड़ा के प्रधान प्रतिनिधि मुखमाल गांव के प्रधान प्रतिनिधि व पी० डब्ल्यू ०डी,०बन विभाग, के अधिकारियों के मध्य वार्ता के बाद पर स्थगित हाे गया है ।
जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने कहा कि उपली रमाेली के सिलाेडा गांव के लिए वर्ष 2006 मे चार किमी खंबाखाल से सिलाेडा माेटर मार्ग स्वीकृत हुआ था जिसका निर्माण कार्य मुखमालगांव तक ही हाे पाया विभागीय लापरवाही एवं फॉरेस्ट के आडे आने के कारण माेटर मार्ग का निर्माण कार्य अधर मे लटका पडा है ।
वर्ष 2018 मे सिलाेडा गांव के लिए साैनदगाड से सिलाेडा तक 4 किलोमीटर माेटर मार्ग की नवीन स्वीकृति मिली लेकिन अब तक सडक निर्माण कार्य शुरू न हाेने के चलते आक्राेशित ग्रामीणाें ने राज्य आंदाेलनकारी देवी सिह पंवार एंव कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश राणा के नेतृत्व मे 27 दिसंबर काे काैडार मे अनिश्चितकालीन चक्काजाम एंव उग्र आंदाेलन की चेतावनी दी थी रविवार काे विधायक विजय सिह पंवार ने सिलोड़ा गांव के ग्रामीणाें काे आश्वस्त किया कि खम्बाखाल सिलाेडा माेटर मार्ग निर्माण कार्य मे आडे आ रही 1 किमी वन भूमि की तत्काल स्वीकृति दिलवाकर, मुखमाल गांव से सोडेंच तोक तक 1 किलोमीटर चौड़ीकरण और डामरीकरण के साथ-साथ सोनगढ़ से चाका सिलोडा मोटर मार्ग में वन विभाग की छपान के बाद वित्तीय स्वीकृति दिला कर सड़क का निर्माण कार्य शुरू करवाया जायेगा
विधायक के आश्वासन के बाद ग्रामीणाें मे अपना प्रस्तावित चक्काजाम कार्यक्रम 15 दिन के लिए स्थिगित कर दिया है ।विधायक पंवार ने कहा कि खंबाखाल मुखमालगांव पर अवशेष डामरीकरण कार्य भी शुरू किया जायेगा
इस माैके पर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष राकेश राणा पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवी सिंह पवार ,गोविंद सिंह रावत , रमेश रतूडी , सोबेन्दर सिंह राणा मुरलीधर सेमवाल, विजय सिंह कैंतुरा, उमेद सिंह राणा बलबीर सिंह राणा सहित सैकड़ों ग्रामीण माैजूद थे।