सोच समझ कर ही सोशल मीडिया में लिखें और सांझा करें, वरना….
अगर आप इंटरनेट मीडिया में सक्रिय रहते हैं तो विधानसभा चुनाव के दौरान आप सतर्क हो जाए अगर थोड़ी सी चूक हुई तो चुनाव आयोग आप पर सख्त कार्रवाई कर सकता है। इंटरनेट तकनीकी के बढते प्रयोगों,अनुभवों से अब अधिक सावधान रहने की जरूरत है। आपकी एक भूल, गलती कही आपको कानून के पचड़े में ना फसा दे। कई बार देखा गया है अति भावुकता में लोग बहक जाते है और अपनी भावनाओं को सोशल मीडिया में व्यक्त करते है। जाने -अनजाने ही सही इसका प्रभाव अपना रंग दिखाने लगता है। अति में लोग बिना सोचे समझे कमेंट करते है जिससे सामाजिक सदभाव के बिगड़ने के ख़तरा रहता है। कई लोगों में इसके प्रति मानसिक कमज़ोरी और फूहड़ता भी देखी गयी है वो बातों का बतंगड़ बनाने में देर नही लगते। सोशल मीडिया का प्रयोग इसमें आग में घी डालने का काम करता है। सूचनाओं का आदान-प्रदान इतनी शीघ्रता से होता है समझने से पहले स्थिति खराब होते देर नही लगती।
इसीलिए अपने फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, वाह्टसअप को सुरक्षित कर लीजिए। अगर थोड़ी सी चूक हुई तो चुनाव आयोग आप पर सख्त कार्रवाई कर सकता है। आप सलाखों के पीछे भी पहुंच सकते हैं।
कोरोना महामारी के बीच हो रहे विधानसभा चुनाव में इस बार इंटरनेट मीडिया की भूमिका अहम हो गई है। सभी राजनीति दल चुनाव प्रचार से लेकर लोगों के बीच अपनी बात पहुंचाने के लिए इस प्लेटफार्म का प्रयोग कर रहे हैं। यह कम खर्चीला होने के कारण सभी दलों की पसंद भी बना हुआ है। लगभग सभी इंटरनेट माध्यमों में आजकल चुनाव प्रचार की बाढ़ सी आई हुई है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग भी सक्रिय हो गया है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया में निगरानी के लिए विशेष निगरानी टीम बनाई है। जो पोर्टल से लेकर इंस्ट्राग्राम, व्हाट्सअप में चल रहे मैसेज पर नजर रख रही है। अगर किसी ने राजनीतिक पोस्ट को शेयर किया और उस पर रिप्लाई किया तो उस पर ही कार्रवाई हो सकती है।
मीडिया प्रमाणणन एवं अनुवीक्षण समिति की टीम पल-पल की नजर रखे हुए है। समिति का कहना है कि अपनी प्रोफाइल और अपने इंटरनेट माध्यमों जिससे आप जुड़े हुए हों, उसको पूरी तरह सुरक्षित कर लें। नहीं तो कोई दूसरा आपकी आइडी का उपयोग कर सकता है। बहुत से हैकर इसी कार्य में लगे हुए है। ऐसा देखने को भी मिला है। इसलिए अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता है।
प्रेम प्रकाश उपाध्याय ‘नेचुरल’ उत्तराखंड