राष्ट्रपति ने वैक्सीनेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए सरकार को सराहा
संसद में राष्ट्रपति का बजट अभिभाषण
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र 2022 की शुरुआत के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद को संबोधित किया। अपने अभिभाषण ने राष्ट्रपति ने आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र सरकार की ओर से हासिल की गईं उपलब्धियां बताईं। उनके अभिभाषण में उन्होंने कोरोना काल में हो रहे वैक्सीनेशन, प्रधानमंत्री अन्न कल्याण गरीब योजना, प्रधानमंत्री कृषि योजना समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। भारत सबसे अधिक वैक्सीन देने वालों देश में शामिल हो गया है। हर घर दस्तक अभियान से वैक्सीनेशन अभियान में तेजी आई है। कोरोना वैक्सीन से देश को कोरोना कवच मिला। उन्होंने कहा कि तात्कालिक चुनौतियों के लिए सीमित नहीं है, दूरगामी उद्देश्य को पूरा करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। देश में स्वास्थ्य सेवाएं जनसाधारण तक पहुंच रही हैं।
राष्ट्रपति ने आयुष्मान कार्ड से लोगों को मिल रही मदद का जिक्र किया। उन्होंने कहा 8000 से अधिक जन औषधि केंद्र से भी लोगों को राहत मिल रही है। भारतीय फॉर्मा कंपनियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब भारत के फॉर्मा कंपनियों के उत्पाद 180 क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। 2014 में देश में 6600 करोड़ का फॉर्मा प्रोडक्ट का निर्यात होता था, अब 11000 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पीएलआई स्कीम से इस सेक्टर को और विस्तार मिलेगा।
बाबा साहेब आंबेडकर को याद करते हुए राष्ट्रपति ने अंत्योदय और पद्म पुरस्कारों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की मंशा के अनुरुप समता और भाईचारे पर आधारित प्रजातंत्र पर काम किया जा रहा है। पद्म पुरस्कारों के चयन में यह भावना झलकती है। कोरोना में बड़े संकट में खाद्यान्न की कमी और भूख की समस्या से निपटने के लिए प्रधानमंत्री अन्न कल्याण गरीब योजना के 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त अनाज दिए गए। यह स्कीम मार्च 2022 तक बढ़ाया गई है।प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 2900 करोड़ की धनराशि जारी की गई है। ई-श्रम पोर्टल से 23 करोड़ से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। जनधन आधार मोबाइल के कारण 44 करोड़ों के अकाउंट में पैसा सुरक्षित पहुंचाया गया है। देश में यूपीआई के बढ़ते चलन पर उन्होंने कहा कि पिछले फाइनेशियल ईयर में 8 लाख करोड़ का लेन-देन यूपीआई के जरिये किया गया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री आवास योजना को सरकार की उपलब्धि बताते हुए कहा कि अब तक 2 करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों को मिले हैं और 1 करोड़ 17 लाख रुपये ग्रामीण क्षेत्रों में घर के लिए दिए जा रहे है। हर घर जल के तहत 6 करोड़ ग्रामीण घरों को नल से जोड़ा गया है। संपत्ति का स्वामित्व योजना के तहत 40 हजार से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड जारी किए गए हैं।
देश में खाद्यान्न का रेकॉर्ड उत्पादन
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की भी राष्ट्रपति ने सराहना की। उन्होंने बताया कि पिछले साल किसानों ने 30 करोड़ टन से अधिक खाद्यान्न और 33 करोड़ बागवानी प्रोडक्ट का उत्पादन किया। इसलिए सरकार ने भी रेकॉर्ड स्तर पर खरीदारी की। 2020-21 में फसल और खाद्यान्नों के निर्यात में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, अब यह 3 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। इसके अलावा भारत में पिछले साल 125000 मीट्रिक टन शहद उत्पादन भी किया और इसके निर्यात में 102 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
रेलवे की क्षमताओं पर राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना काल में भारतीय रेल ने दूध और सब्जियों की ढुलाई के लिए 150 मार्गों पर 1900 ट्रेनें चलाई। इसके जरिये 6 लाख टन कृषि उत्पादों का ढुलाई की गई। छोटे किसानों को श्रेय देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि किसान प्रधानमंत्री कृषि योजना के तहत 1 करोड़ किसान परिवार को 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये दिए गए। उन्होंने बताया कि किसानों को मदद देने के लिए 1 लाख के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्टर फंड बनाया गया है। सिंचाई और जलस्तर बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और अटल भूजल योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने बुंदेलखंड में पानी की समस्या दूर करने के लिए 45000 करोड़ की लागत की केन बेतवा लिंक को स्वीकृति दी है।
महिला सशक्तिकरण की योजनाओं का जिक्र
महिला सशक्तिकरण पर उन्होंने कहा कि 2021-22 में 65 हजार करोड़ की धनराशि सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को दी गई। इसके तहत उन्हें बैंकों से सहायता भी दी जा रही है। उज्जवला, मुद्रा, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का लाभ भी महिलाओं को मिल रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं को सशक्त करने के उद्देश्य से लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने का प्रस्ताव संसद में रखा गया है। इसके अलावा तीन तलाक की कुप्रथा रोकने के लिए कानून बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से 4.5 करोड़ अल्पसंख्यकों को छात्रवृति दी गई। 33 सैनिक स्कूलों में बालिकाओं को प्रवेश दिया जा रहा है। एनडीए में भी लड़कियों की भागीदारी हो रही है।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। 10 राज्यों के 19 इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थानीय भाषा में पढ़ाई हो रही है। स्किल इंडिया मिशन के तहत 6 प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किये गए हैं। एकलब्य आवासीय स्कूल का विकास किया जा रहा है।
टोक्यो ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में भारत के प्रर्दशन को भी राष्ट्रपति ने सराहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की मदद से देश में खेलो इंडिया स्पोर्टस स्थापना की जा रही है। दिव्यांग जनों के लिए समानता और अवसर प्रदान करने के लिए सुगम्य भारत अभियान के तहत प्रदान किए जा रहे हैं। 25 लाख दिव्यांगों को उपकरण दिए गए और 4000 दिव्यांगों में अंग इम्पलांट किए गए।अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने भारत में स्टार्ट अप की स्थिति के लिए सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2016 के बाद से 56 सेक्टर में 60 हजार स्टार्ट अप बने , जिससे युवाओं को रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में 40 यूनीकार्न स्टार्ट अप अस्तित्व में आए।