30 अप्रैल शनिवार को लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण
शनिवार को सूर्य ग्रहण- देव गुरु बृहस्पति और दैत्य गुरु शुक्र की मीन राशि में युति होने से 117 साल बाद बन रहा है विशेष योग
प्राकृतिक और राजनीतिक उथल-पुथल की है संभावना
देहरादून। साल का पहला सूर्य ग्रहण30 अप्रैल को लगेगा शनिवार के दिन सूर्य ग्रहण और देव गुरु बृहस्पति अपनी राशि मीन में और दैत्य गुरु शुक्र उच्च राशि मीन में एक साथ होने से लगभग 117 साल बाद ऐसे विशेष संयोग में सूर्य ग्रहण हो रहा है
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल गणना करते हुए बताते हैं कि यद्यपि यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा क्योंकि इसमें सूर्य का कुछ हिस्सा पृथ्वी और चंद्रमा के बीच आएगा परंतु शनिवार होने से और देव गुरु बृहस्पति की अपनी राशि मीन में उपस्थिति और देख के गुरु शुक्र की भी वहीं पर अपनी उच्च राशि में उपस्थिति होने से बहुत बड़ा संयोग बन रहा है यह सूर्य ग्रहण4 राशियों के लिए तो वरदान साबित हो रहा है इस संवत्सर का यह पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा. ये ग्रहण मेष राशि में लगेगा. ये भारत में नहीं दिखाई देगा और ना ही इसका सूतक काल माना जाएगा. ये ग्रहण दक्षिण अमेरिका का दक्षिण-पश्चिमी भाग, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा
ज्योतिष शास्त्र में बड़े हस्ताक्षर आचार्य चंडी प्रसाद घिल्डियाल का कहना है कि यद्यपि यह ग्रहण भारत वर्ष में नहीं दिखाई देगा परंतु इसका असर पूरे भूमंडल पर और पूरी 12 राशियों पर पड़ेगा मंत्र और यंत्रों की सिद्धि के लिए यह सूर्य ग्रहण वरदान साबित हो रहा है जो लोग किसी भी ग्रह की पीड़ा से पीड़ित चल रहे हैं उनके लिए संबंधित ग्रह का यंत्र पूर्ण वैदिक और वैज्ञानिक पद्धति से यदि इस दिन सिद्ध किया जाता है तो उस व्यक्ति की किस्मत बदल सकती है बताया कि वह स्वयं इस महत्वपूर्ण दिवस पर बहुत सारे राजनीतिक व्यापारिक सामाजिक न्याय और प्रशासनिक क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों के लिए मंत्रों की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित कर महत्वपूर्ण यंत्रों की सिद्धि करेंगे।
राशियों पर असर
अपनी सटीक भविष्यवाणियों के लिए प्रसिद्ध आचार्य चंडी प्रसाद का कहना है कि
ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. सूर्य सभी ग्रहों का राजा है और पिता और आत्मा का कारक माना जाता है. सूर्य ग्रहण की स्थिति को शुभ नहीं माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण लगने पर सूर्य पीड़ित हो जाते हैं और शुभ फलों में कमी आ जाती है. ग्रहण का अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है. ये ग्रहण 4 राशियों के लिए विशेष फलदायी रहने वाला है. यदि इन राशियों के लोगों की कुंडली में ग्रह की स्थिति में नहीं है और इनके लिए विभिन्न यंत्रों के सिद्ध कर दी जाती है तो इनके लिए परम वैभव का योग बन जाएगा।
वृषभ- वृषभ राशि वालों के लिए ये ग्रहण बहुत शुभ रहने वाला है. इस ग्रहण से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने की संभावना है. आपके कई अधूरे काम बनेंगे. इस दौरान किए सारे कार्य फलेंगे. इस दौरान की गई सभी यात्रा लाभदायक होगी. व्यापार से जुड़े जातकों के लिए भी ग्रहण शुभ रहने वाला है. प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए अच्छा है और ऐसा करना इस दौरान आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
कर्क– कर्क राशि के लिए भी ये ग्रहण शुभ रहने वाला है. कार्य में सफलता प्राप्त होगी. मित्रों से लाभ प्राप्त हो सकता है और साथ ही कार्यस्थल और समाज में आपका यश बढ़ेगा।. ये ग्रहणकाल आपके भाग्य को भी मजबूत कर सकता है. अपनी योग्यताओं को साबित करने के लिए आगे बढ़ कर किसी भी नई चुनौती का समाधान करने की ज़िम्मेदारी ले सकते हैं. इस दौरान कुछ उच्च अधिकारियों का सहयोग भी प्राप्त हो सकता है.
तुला- तुला राशि वालों के लिए भी ये ग्रहण बहुत शुभ रहने वाला है. कार्यस्थल में लाभ होने की संभावना है. नौकरी में कई अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते हैं. साझेदारी के काम में भी मुनाफा मिलने की उम्मीद है. इस अवधि में आप अपने काम को लेकर कार्यस्थल पर एक अलग पहचान बनाने में सफल रह सकते हैं. इस दौरान आप अपने लक्ष्यों पर कड़ी मेहनत करते भी नजर आएंगे।
धनु- आपकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा. सरकारी नौकरी में कार्यरत लोगों में भी ये ग्रहण शुभ और फलदायक होगा. विदेश में नौकरी प्राप्त करने के नौकर प्राप्त होंगे और उन्नति के लाभ भी होंगे. ग्रहणकाल के दौरान जितना हो सके, मंत्रों का जाप करें. व्यवसाय के विस्तार से अच्छा लाभ होगा।
डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल का कहना है कि अन्य राशियों के लोगों के लिए यह ग्रहण उनकी जन्म कुंडली में स्थित ग्रहों की स्थिति के अनुसार अच्छा या बुरा फल प्रदान करेगा क्योंकि ग्रहण का फल पूरे 1 वर्ष तक अच्छा या बुरा प्राप्त होता है इसलिए इसके लिए लोग उनसे मार्गदर्शन का समय ले सकते है।