करें योग. रहें निरोग
पहला सुख निरोगी काया
बेरीनाग/राई आगर। भौतिक जगत की तमाम सुविधाओं, ऐसो आराम तलब ज़िंदगी ने जहा आदमी को बेहतर जीवन जीने का अवसर दिया वही दूसरी ओर शारारिक श्रम के अभाव में रोगों को भी आने का न्योता मिला। गांवो में जहा स्वच्छ हवा, साफ पानी तंदुरस्ती को बनाये रखते थे वही आज उच्च रक्तचाप,कोलोस्ट्रोल,शुगर,बवासी र इत्यादि बीमारियों को आम देखा जा सकता। हैं। बाजार पर लोगों की अत्यधिक निर्भरता, रसायन युक्त अन्न,दाल,फल,पोषण ने कहानी खराब कर रखीM हैं। कृतिमता ने जीवन के KMजीने के तरीके को प्रभावित किया हैं और लोग स्वास्थ्य को लेकर हलकान है। शहर तो शहर अब गांव भी स्वस्थ नही रह गए हैं। एक तो खेती- बाड़ी लोगों का ने कम कर दी और पल्यायन से गांव , टोंक, सेरा बंजर व उजड़खाने नज़र आते हैं। ये सब एक सुनहरे उत्तराखंड की पीड़ा को सुनाते हैं।जो बाहर नही जा सके वो मुफ्त राशन की चपेट में पशु पालन, कृषि चौपट छोड़ चुके हैं। बची खुची कसर जंगली जानवरों के आतंक ने पूरी कर रखी है। कुल मिलाकर मामला गड़बड़ ही हैं। भले ही वह धन-संपदा का हो या शारारिक स्वास्थ्य का। इसी समय में योग, प्राकृतिक चिकित्सा, ध्यान, प्राणायाम लोगो के स्वास्थ्य, सेहत के लिए जरूरी बनता जा रहा हैं।
बेरीनाग/राई आगर। भौतिक जगत की तमाम सुविधाओं, ऐसो आराम तलब ज़िंदगी ने जहा आदमी को बेहतर जीवन जीने का अवसर दिया वही दूसरी ओर शारारिक श्रम के अभाव में रोगों को भी आने का न्योता मिला। गांवो में जहा स्वच्छ हवा, साफ पानी तंदुरस्ती को बनाये रखते थे वही आज उच्च रक्तचाप,कोलोस्ट्रोल,शुगर,बवासी
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर तहसील बेरीनाग के ग्राम खेती निवासी प्रेम प्रकाश उपाध्याय ‘नेचुरल’ ने इस जरूरत को समझ कर ग्रामवासियों को योग के महत्ता बतायी और योगाभ्यास किया। ज्ञानासन, सूर्य नमस्कार,अनुलोम/;विलोम, भ्रामरी, मंडूकासन, कपालभाति,मर्कटासन, ताडासन, सिंहासन,हास्यसन सहित ध्यान, प्राणायाम आदि मुद्राओं, आसनों का अभ्यास किया गया। इसमें दकशीष,कामाख्या, भगवती शरण उपाध्याय, , देवकी देवी, कविता देवी, दीपा , मंजुल उपाध्याय आदि ने भाग लिया। सभी लोंगो ने इस प्रकार के आयोजनों पर प्रसन्नता व्यक्त की व प्रेम के प्रयासों की प्रशंसा की। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर प्रसिद्ध रमणीक स्थल कांडा/किरौली के काली ताल में भी बाहर से आये पर्यटकों के साथ भी प्रेम ने योग करवाया।