मितव्ययिता अकेले वित्त की नहीं सबकी है जिम्मेदारी
देहरादून। वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक की वित्तीय स्वीतियां वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्गत कर दी हैं। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन ने सभी विभागीय सचिवोंगणों के साथ ही सभी विभागाध्यक्षों व वित्त नियंत्रकों को अवगत करा दिया है। अभी कैंपा के तहत स्वीकृत राशि रिलीज नहीं की गयी है। आदेश में कहा गया है कि शासन के व्यय में मितव्ययता नितान्त आवश्यक है।
आनंद वर्धन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मितव्ययता सुनिश्चित करना केवल वित्त विभाग का ही नहीं वरन समस्त प्रशासनिक विभागों का भी दायित्व है। धनराशि अवमुक्त करने सम्बन्धी प्रत्येक आदेश, चाहे वह सम्बन्धित वित्त व्यय नियंतण्रअनुभाग की सहमति से निर्गत किया जाये अथवा सीधे प्रशासनिक विभागों अथवा अन्य सक्षम प्राधिकारियों द्वारा को तभी निर्गत किया जायेगा जब इसके इन्टरनेट के माध्यम से वित्त अनु-01 के शासनादेश के अधीन साफ्टवेयर से केन्द्रीय स्तर पर एक विशिष्ट नम्बर प्राप्त करा लिया जाय। बिना इस विशिष्ट नम्बर के किसी भी आदेश के आधार पर कोई आहरण एवं व्यय नहीं किया जायेगा। विभागाध्यक्ष स्तर पर बजट का आवंटन विभाग में कार्यरत वरिष्ठतम वित्त अधिकारी द्वारा आहरण वितरण अधिकारी को किया जायेगा।
धनराशि खर्च करने के लिए कहा गया है कि समस्त प्रशासकीय विभागों द्वारा सर्वप्रथम आय-व्ययक में प्रावधानित धनराशि से राज्य आकस्मिकता निधि से आहरित धनराशि की प्रतिपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी। प्रतिपूर्ति आनलाइन माध्यम से उसी लेखाशीषर्क मद से सुनिश्चित की जायेगी, जिससे राज्य आकस्मिकता निधि से धनराशि आहरित की गयी है।
देहरादून। वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक की वित्तीय स्वीतियां वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्गत कर दी हैं। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन ने सभी विभागीय सचिवोंगणों के साथ ही सभी विभागाध्यक्षों व वित्त नियंत्रकों को अवगत करा दिया है। अभी कैंपा के तहत स्वीकृत राशि रिलीज नहीं की गयी है। आदेश में कहा गया है कि शासन के व्यय में मितव्ययता नितान्त आवश्यक है।
आनंद वर्धन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मितव्ययता सुनिश्चित करना केवल वित्त विभाग का ही नहीं वरन समस्त प्रशासनिक विभागों का भी दायित्व है। धनराशि अवमुक्त करने सम्बन्धी प्रत्येक आदेश, चाहे वह सम्बन्धित वित्त व्यय नियंतण्रअनुभाग की सहमति से निर्गत किया जाये अथवा सीधे प्रशासनिक विभागों अथवा अन्य सक्षम प्राधिकारियों द्वारा को तभी निर्गत किया जायेगा जब इसके इन्टरनेट के माध्यम से वित्त अनु-01 के शासनादेश के अधीन साफ्टवेयर से केन्द्रीय स्तर पर एक विशिष्ट नम्बर प्राप्त करा लिया जाय। बिना इस विशिष्ट नम्बर के किसी भी आदेश के आधार पर कोई आहरण एवं व्यय नहीं किया जायेगा। विभागाध्यक्ष स्तर पर बजट का आवंटन विभाग में कार्यरत वरिष्ठतम वित्त अधिकारी द्वारा आहरण वितरण अधिकारी को किया जायेगा।
धनराशि खर्च करने के लिए कहा गया है कि समस्त प्रशासकीय विभागों द्वारा सर्वप्रथम आय-व्ययक में प्रावधानित धनराशि से राज्य आकस्मिकता निधि से आहरित धनराशि की प्रतिपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी। प्रतिपूर्ति आनलाइन माध्यम से उसी लेखाशीषर्क मद से सुनिश्चित की जायेगी, जिससे राज्य आकस्मिकता निधि से धनराशि आहरित की गयी है।
आहरित धनराशि की प्रतिपूर्ति सुनिश्चित किये जाने से पूर्व उस लेखाशीषर्क से अन्य कोई धनराशि निर्गत नहीं की जायेगी। राज्य आकस्मिकता निधि से आहरित धनराशि की प्रतिपूर्ति सुनिश्चित किये जाने का पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धित विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव तथा विभागाध्यक्ष का होगा। आदेश में कहा गया है कि प्राय: यह संज्ञान में आया है कि विभागों द्वारा सामान्य प्रति के प्रकरणों के लिए भी राज्य आकस्मिकता निधि से धनराशि आहरित किये जाने के प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रस्तुत किये जा रहे हैं, जबकि ‘राज्य आकस्मिकता निधि नियमावली‘ के प्रावधानानुसार आकस्मिकता निधि से अग्रिम धन केवल अप्रत्याशित व्यय ही स्वीकृत किये जाने की व्यवस्था है। इसलिए विभाग अतिमहत्वपूर्ण एवं अपरिहार्य विषयों पर ही राज्य आकस्मिकता निधि से धनराशि आहरित करने के प्रस्ताव वित्त को भेजें। व्यय के लिए वेतन पेंशन के साथ ही 57 मद तय कर दिये गये हैं, जिन पर विभाग सामान्य तौर पर खर्च कर सकते हैं।
योजनान्तगत आय-व्ययक में स्वीकृत धनराशि अवमुक्त की सीएसएस ईएपी, नाबार्ड एवं जिलायोजना को छोड़कर पीएलए खाते में धनराशि वित्त विभाग की सहमति से ही आहरित की जायेगी। इस सम्बन्ध में नियमावली के प्रावधानों का सख्ती से अनुपालन करने को कहा गया है। वाहन क्रय के लिए कोई व्यय करने से पूर्व राज्य सरकार की नई वाहन नीति में उल्लिखित प्रावधानों के अन्तर्गत ही सुविचारित निर्णय लिया जाय एवं नये वाहन क्रय करने से पूर्व प्रत्येक प्रकरण पर वित्त विभाग का अनुमोदन प्राप्त किया जायेगा। कैंपा से संबंधित मदों की धनराशि अभी अवमुक्त नहीं की गयी है। इसको मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की संस्तुति के पश्चात वित्तीय नियमों के अनुरूप अवमुक्त की जायेगी। आदेश में कहा गया है कि कोविड के बचाव के लिए कार्यालय व्यय में प्रावधानित राशि का उपयोग कर सकते हैं।
योजनान्तगत आय-व्ययक में स्वीकृत धनराशि अवमुक्त की सीएसएस ईएपी, नाबार्ड एवं जिलायोजना को छोड़कर पीएलए खाते में धनराशि वित्त विभाग की सहमति से ही आहरित की जायेगी। इस सम्बन्ध में नियमावली के प्रावधानों का सख्ती से अनुपालन करने को कहा गया है। वाहन क्रय के लिए कोई व्यय करने से पूर्व राज्य सरकार की नई वाहन नीति में उल्लिखित प्रावधानों के अन्तर्गत ही सुविचारित निर्णय लिया जाय एवं नये वाहन क्रय करने से पूर्व प्रत्येक प्रकरण पर वित्त विभाग का अनुमोदन प्राप्त किया जायेगा। कैंपा से संबंधित मदों की धनराशि अभी अवमुक्त नहीं की गयी है। इसको मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की संस्तुति के पश्चात वित्तीय नियमों के अनुरूप अवमुक्त की जायेगी। आदेश में कहा गया है कि कोविड के बचाव के लिए कार्यालय व्यय में प्रावधानित राशि का उपयोग कर सकते हैं।