विभागीय प्रस्तावों का त्वरित परीक्षण करें अधिकारी:मुख्य सचिव
देहरादून। मुख्य सचिव डा. एस.एस.संधु ने सभी अधिकारियों को हिदायत दी है कि विभागीय प्रस्तावों के परीक्षण की प्रक्रिया को त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण बनाएं। आज जारी निर्देश में मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि शासन स्तर पर विभिन्न प्रशासकीय विभागों तथा जनपदों / फील्ड स्तरीय अधिकारियों के साथ समय- समय पर की गयी समीक्षा बैठकों के दौरान यह तथ्य संज्ञान में आया है कि फील्ड स्तर से शासन / निदेशालय / उच्चतर सक्षम प्राधिकारी को स्वीकृति / अनापत्ति / अनुमति हेतु प्रस्तुत किए जाने वाले प्रस्तावों ( यथा वन भूमि हस्तान्तरण भूमि आबंटन/ अन्तरण, परियोजना की टी.ए.सी./ ई.एफ.सी.एवं स्वीकृति आदि) के सक्षम स्तर पर परीक्षण के दौरान भिन्न-भिन्न समय पर एक से अधिक चरणों में आपत्तियां लगायी जाती हैं अथवा अतिरिक्त सूचनाओं की अपेक्षा की जाती है जिस कारण प्रस्ताव / परियोजना के क्रियान्वयन में विलम्ब होता है। लिहाजा सक्षम स्तर पर प्रथम बार परीक्षण / संवीक्षा हेतु परीक्षण योग्य समस्त बिन्दुओं की एक चौक लिस्ट तैयार करा ली जाय और उसी चौक लिस्ट के आधार पर ही प्राप्त प्रकरण / प्रस्ताव का एक बार में ही सम्पूर्ण परीक्षण करते हुए समस्त आपत्तियां एक साथ इंगित की जाय अथवा अतिरिक्त आवश्यक सूचनाओं का विवरण एक साथ संबंधित को सूचित किया जाय।
उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रथम बार संसूचित आपत्तियों का निराकरण सम्बधित द्वारा कर दिए जाने अथवा अपेक्षित अतिरिक्त सूचनाएं उपलब्ध करा दिए जाने के उपरान्त यदि पुन: कोई नवीन आपत्ति इंगित किया जाना अथवा अतिरिक्त सूचना की अपेक्षा किया जाना अपरिहार्य हो तो इस सम्बध में स्पष्ट कारण दर्शित करते हुए एक स्तर ऊपर के प्राधिकारी की अनुमति प्राप्त करने के उपरान्त ही उसे अग्रेत्तर संसूचित किया जाय। एक स्तर उपर के प्राधिकारी द्वारा ऐसी अनुमति प्रदान करते समय अपने स्तर पर भी नवीन आपत्ति/अतिरिक्त सूचना की आवश्यकता के औचित्य का सम्यक परीक्षण किया जाय और यदि इस सम्बन्ध में निचले स्तर पर प्रथम चरण के परीक्षण / संमीक्षा में कोई त्रुटि दृष्टिगत हो तो सम्बधित प्राधिकारी के विरुद्ध इस स्थिति का उचित संज्ञान भी लिया जाए। मुख्य सचिव ने निर्देशों का कठोर अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।