सत्यप्रकाश डौंडियाल
घनसाली। आज रक्षाबन्धन के अवसर पर पर्यावरण प्रेमी सुरेश भाई जी के आह्वान पर ग्राम सभा थाती बूढाकेदार मे रक्षासूत्र आन्दोलन का आयोजन किया गया और पेड़ों पर राखी बांधी गई।
थाती बूढाकेदार मे सागर सुनार के नेतृत्व मे महिला मंगल के सहयोग से जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए पेडों पर राखी बांध (रक्षा सूत्र) कर अपने पेडों को बचाने की मुहिम का आयोजन किया गया।
चिपको आन्दोलन के बाद रक्षा सूत्र आन्दोलन 1994 मे वनों की व्यावसाहिक कटाई के खिलाफ प्रारंभ हुआ था।
आज रक्षाबंधन के दिन लोगों ने अपने भाई बहनों पर राखियां बांधी है। लेकिन उत्तराखंड राज्य में चिपको के बाद लोगों ने पेड़ों पर भी राखी बांधी है जिसे रक्षा सूत्र आंदोलन के नाम से जाना जाता है। बूढ़ा केदार क्षेत्र में आज रक्षाबंधन के पर्व पर महिलाओं, नौजवानों ने पेड़ों पर राखी बांधकर समाज को जागरूक कर दिया है कि हमारे भाई- बहन के जैसे हमारे चारों ओर के पर्यावरण को बचाने वाले पेड़ पौधे भी है। यदि इनकी रक्षा करेंगे तो हम जलवायु परिवर्तन रोक सकते हैं। ऑक्सीजन बचा सकते हैं। कृषि भूमि में नमी रह सकती है। प्रत्येक प्राणी को पानी मिल सकता है। क्योंकि इन पेड़ पौधों के कारण से ही धरती के अंदर पानी के तालाब बने हुए हैं।
जिसे हम आंखों से तो नहीं देखते हैं। लेकिन इन्हीं की जड़ों में समेटे हुए जल के कारण हमारे जल स्रोतों में पानी आ रहा है।
हमारे गांव के लोग हो या शहर के लोग सभी को पेड़ पौधों की हरियाली के कारण उन्हें तंदुरुस्ती मिलती है और एक ऐसी आजादी का अनुभव होता है कि हम धरती के बगल का कोई हरा पेड़ जिसके अंदर प्राण भी है। वह हमें बचा रहा है । इस अनुभूति को हमेशा के लिए कारगर रखने हेतु पेड़ पौधों को बढ़ते वैश्विक तापमान के दौरान बचाना बहुत जरूरी है।
आज के आयोजन में महिला मंगल दल अध्यक्ष अनीता राणा, युवा कपिलेश, राधिका शाह, मनीषा देवी, धुर्ता देवी, कमला देवी, सौणी देवी, गुड्डी देवी, कमला देवी आदि मौजूद रहे।