देहरादून। उत्तराखंड अधिनस्थ चयन आयोग की ओर से आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक मामले में हुए खुलासे से आयोग द्वारा पूर्व में करायी गई अन्य परीक्षाओं में भी धांधली का अंदेशा होने लगा है। इसको देखते हुए पूर्व में भर्ती परीक्षाओं में नकल रैकेट के पकड़े जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी ने तीन और भर्तियों पर भी एसटीएफ की जांच बिठाने का निर्णय लिया है।
पेपर लीक मामले में एसटीएफ की ओर से बड़ी संख्या में रैकेट में शामिल लोगों को गिरफतार किए जाने से यह साफ हो गया है कि प्रदेश में आयोग की परीक्षाओं में पास कराने के लिए रैकेट काम कर रहा है। अबतक यह महसूस किया जा रहा था कि पूर्व में नकल कराने के जो मामले सामने आए वह एक-दो अभियर्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए होगा, जिसकी जांच स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है। लेकिन अब लगने लगा है कि आयोग की परीक्षाओं में पास कराने के लिए रैकेट लंबे समय से काम कर रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय रक्षक और कनिष्ठ सहायक परीक्षा की जांच भी एसटीएफ से कराने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि साल 2020 में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा वन आरक्षी (फरेस्ट गार्ड) परीक्षा में ब्लूटूथ के जरिये नकल कराने वाले गिरोह को पकड़ा था। जिस संबंध में जनपद हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल में अभियोग पंजीकृत हैं। इस भर्तियों की भी एसटीएफ जांच करेगी।