G-KBRGW2NTQN आंदोलनकारी आरक्षण के लिए आएगा नया संशोधित कानून – Devbhoomi Samvad

आंदोलनकारी आरक्षण के लिए आएगा नया संशोधित कानून

सरकार कानूनी कमियों को दूर कर नया विधेयक विधानसभा में लाएगी: सीएम 
सरकार राजभवन से लंबित विधेयक को वापिस मंगाने की पहल करेगी : सीएम 
देहरादून। तो राज्य आंदोलनकारियों को दस फीसद क्षैतिज आरक्षण के लिए प्रदेश सरकार फिर से नया संशोधित कानून लेकर आएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि इस पर विचारहो रहा है और सरकार राजभवन से लंबित विधेयक को वापिस मंगाने की पहल करेगी और उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के व्यापक हित में लंबित विधेयक को वापिस मंगा कर इसमें व्याप्त कानूनी कमियों को दूर कर नया विधेयक विधानसभा में लाएगी।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रवीन्द्र जुगरान ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने उनसे यह बात कही। रवींद्र जुगरान ने मुख्यमंत्री को बताया कि अगर इस मसले पर कोई तकनीकी कानूनी अड़चन है तो सरकार राजभवन से इस विधेयक को वापिस मंगा कर सभी कानूनी तकनीकी खामियों को दुरुस्त कर विधानसभा में नया विधेयक पारित कर राजभवन को भेजे, इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें सकारात्मक कार्यवाही का भरोसा दिया। बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट सरकारी सेवाओं में नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों को दस फीसद क्षैजित आरक्षण को खारिज कर चुका है। यह आरक्षण केवल एक शासनादेश के बल पर दिया जा रहा था। आरक्षण खारिज होने के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विधानसभा से एक विधेयक पारित कर राज्य आंदोलनकारियों के लिए सरकारी सेवाओं में दस फीसद क्षैतिज आरक्षण को जरूरी करने के लिए एक विधेयक पारित कर मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा था लेकिन तत्कालीन राज्यपाल ने विधेयक को विचारार्थ अपने पास रख लिया विधेयक को न तो मंजूरी दी न उसे लौटाया। इस बीच दो और राज्यपाल आ गए लेकिन फिर भी विधेयक को लेकर बात नहीं बनी। भाजपा ने बीते विधानसभा चुनाव में आंदोलनकारियों के आरक्षण की बहाली की बात कही थी। लेकिन अब तक इस मामले में बात कोई खास आगे नहीं बढ़ी है।

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