G-KBRGW2NTQN संध्याकालीन कार्यक्रम में महिला जैन मिलन एकता द्वारा एक सुंदर नाटिका प्रस्तुत की गई – Devbhoomi Samvad

संध्याकालीन कार्यक्रम में महिला जैन मिलन एकता द्वारा एक सुंदर नाटिका प्रस्तुत की गई

देहरादून। दिगंबर आमना के जैन समाज के पर्यूषण पर्व का आज चतुर्थ धर्म शौच धर्म है। सभी धर्मावलंबियों द्वारा आज इसका पालन किया गया और पूजन भी किया गया। जैन धर्मशाला स्थित श्री महावीर जैन मंदिर में आज प्रथम अभिषेक एवं शांति धारा करने का सौभाग्य श्री राजीव जैन को प्राप्त हुआ। उसके पश्चात क्षुल्लक श्री 105 समर्पण सागर जी महाराज ने अपने प्रवचन में उत्तम शौच धर्म का महत्व बताया इसकी व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा की शौच अर्थात पवित्रता का अर्थ केवल शरीर की पवित्रता ही नहीं स्वच्छ कपड़े पहनना ही नहीं है, आत्मा की शुद्धि को जीवन में धारण करना शौच धर्म है गलानी रूप पदार्थों से अपने को बचाना भी सोच धर्म नहीं है, पर स्त्री के प्रति अपने परिणामों में पवित्रता रखना, पर पदार्थों के प्रति निष्क्रिय होना, पर पदार्थों की इच्छा का अभाव सोच धर्म है। राग रहित वीतराग भाव उत्तम सोच है, जगत के सब प्राणियों के प्रति अहिंसक भाव एवं जिसमें भेद ज्ञान कर मिथ्या मान्यता रूपी अंतर के मैल को धो डाला हो ऐसा पवित्र हृदय उत्तम शौच धर्म का पालक है।
इसके पश्चात आज संध्याकालीन कार्यक्रम में महिला जैन मिलन एकता द्वारा एक सुंदर नाटिका प्रस्तुत की गई ।जैन मिलन महिला एकता परिवार एवम् वीतराग विज्ञान पाठशाल परिवार द्वारा ‘दसलक्षण महापर्व’ पर ‘एकता’ की अध्यक्षा वीरांगना बीना जैन के निर्देशन में “बनवासी महासती अंजना” के जीवन चरित्र को संगीतमय नृत्य नाटिका के रूप में प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ महावीर प्रार्थना से हुआ। वीतराग विज्ञान पाठशाला के बच्चों ने जैन कविताओं के माध्यम से जीवन की सत्यता पर प्रकाश डालते हुए आत्महित करने का संदेश दिया| वीरांगना बीना जैन द्वारा शास्त्रीय संगीत की धुन पर दस लक्षण वंदना बहुत सुरीले आवाज में प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम की संचालक चारू शर्मा रहीं। अंजना की भूमिका वीरां रीचा जैन, पवनकुमार की भूमिका वदना जैन, केतुमती की भूमिका रचना जैन, प्रहस्त- दीपशिखा, वसन्तमाला लवी, महेन्द्रकुमार- कामना, सामेन – अनुत्रा अन्य सखियां – पलक, संगीता, दीप्ति, रितु आदि अनेक महिलाओं ने निभाई । कार्यक्रम का सफल संचालन वन्दना जैन, ववीता जैन व प्रीति जैन ने किया। दसलक्षण वंदना व महावीर वंदना बीना जैन, मीनू सारिका, निमिषा, सारिका, शिक्षा, मंजू, सुनीता, मधु जैन ने प्रस्तुत की। इस अवसर पर उत्सव समिति के संयोजक आशीष जैन,अर्जुन जैन,जैन धर्म शाला के अध्यक्ष सुनील जैन मंत्री संदीप जैन,मीडिया संयोजक गोपाल सिंघल,ध्रुव जैन,बच्चू जैन, एमके जैन,सचिन जैन, सुखमाल चंद जैन,अमित जैन टैगोर विला, अमित जैन प्रीतम कैसल,सुकेश जैन,सुभाष चंद जैन,सुधीर जैन मेडिकोज जैन समाज के महामंत्री राजेश जैन,सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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