कोटिया कमेटी ने शुरू की विधानसभा भर्ती घोटाले की जांच
पहली बैठक में कोटिया व रावत हुए शामिल
देहरादून। विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों की जांच के लिए गंिठत दिलीप कुमार कोटिया कमेटी ने इस प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। कमेटी ने आज विधानसभा में अपनी पहली बैठक करके दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को हुई बैठक में कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व प्रमुख सचिव दिलीप सिंह कोटिया व पूर्व सूचना आयुक्त सुरेन्द्र सिंह रावत शामिल हुए। कमेटी के दूसरे सदस्य अवनीद्र सिंह नयाल आज की बैठक में शामिल नहीं हो पाये। बताया जा रहा है नयाल सोमवार को ज्वाइन करेंगे। इस प्रकरण को लेकर कोटिया से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि कमेटी तय समय में अपनी रिपोर्ट दे देगी। उल्लेखनीय है कि विधानसभा में भारी पैमाने पर बैकडोर भर्तियां की गयी हैं। राष्ट्रीय सहारा द्वारा इस संबंध में गत 24 अगस्त को समाचार प्रकाशित करने के बाद यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष को इस मामले की जांच करते हुए अनियमित नियुक्तियों को निरस्त करने की सिफारिश की है। मुख्यमंत्री की सिफारिश के बाद बीते रोज विधानसभा अध्यक्ष ने दून पहुंचने के बाद इसकी जांच के लिए पूर्व प्रमुख सचिव दिलीप कुमार कोटिया की अध्यक्ष में एक तीन सदस्यीय हाईपावर कमेटी की घोषणा की। कमेटी से एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसी कड़ी में कमेटी ने आज से जांच का अपना काम शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में कमेटी इस मामले से संबंधित दस्तावेजों का अध्यक्ष करके अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप देगी।
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विधानसभा के दस्तावेजों से छेड़छाड़ की आशंका
देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने प्रेमचंद्र अग्रवाल द्वारा तीन-तीन प्रमोशन देकर विधानसभा सचिव बनाये गये मुकेश सिंघल को भले ही फोर्स लीव पर भेज दिया है, लेकिन दस्तावेजों से छेड़छाड़ की आशंका बनी हुई है।
आशंका है कि जांच के दायरे में आये तीसरी और चौथी विधानसभा के दौरान बैकडोर नियुक्ति पाने वाले दो सौ से अधिक कर्मचारी विधानसभा कार्यालय पहुंचने शुरू हो गये हैं। ऐसे में इस बात की क्या गारंटी है कि उनमें से कोई दस्तावेजों से छेड़छाड़ नहीं करेगा। हालांकि स्पीकर खंडूड़ी ने सचिव के कार्यालय को सील भी करा दिया है, लेकिन सचिवालय के अन्य कार्यालयों में पड़ी पत्रावलियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
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मामला उछलने के बाद विधानसभा में दिखने लगे नये चेहरे
देहरादून। विधानसभा सत्र को छोड़ दिया जाए तो विधानसभा के सचिवालय में अमूमन सन्नाटा ही पसरा रहता था। विधानसभा सचिवालय के ज्यादातर कर्मचारी अधिकारी भी वहां नहीं दिखायी देते थे, लेकिन जब से यह मामला चर्चाओं में आया है तब से विधानसभा के गलियारों में सैकड़ों नये चेहरे घूमते दिख रहे हैं। इस बात की भी चर्चा आम है कि विधानसभा के सचिवालय में ज्यादातर कर्मचारियों के पास न तो काम ही है और न ही उनके बैठने तक की जगह। ऐसे में स्वाभाविक है कि वे कार्यालय आकर करते भी तो क्या