नहीं रहे बलवीर सिंह कंडारी पंचतत्व में विलीन
सत्यप्रकाश डौंडियाल
घनसाली। पिछले दो दशक से उत्तराखंडियों के मान सम्मान व हकों के लिए संघर्षरत गुरिल्ला संगठन के सक्रिय सदस्य रहे बलबीर सिंह कंडारी जी आज पंचतत्व में बिलीन हो गए. बलबीर सिंह कंडारी जी का अंतिम संस्कार सोमवार को उनके पैतृक घाट घनसाली में किया गया. उनके बेटे श्री बिशन सिंह कंडारी ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी. इस अवसर पर बड़ी संख्या में घनसाली क्षेत्र के सामाजिक एवं राजनीतिक, व्यसायिक क्षेत्र सु जुड़े लोग मौजूद रहे.
बता दें कि गुरिल्ला संगठन के सक्रिय सदस्य बलबीर सिंह कंडारी जी का रविवार को निधन हो गया था. उत्तराखंड क्रांति दल के युवा प्रकोष्ठ टिहरी गढ़वाल के जिलाध्यक्ष युवा नेता श्री बिशन सिंह कंडारी के पिता, श्री बलवीर सिंह कंडारी ने 73 वर्ष की उम्र में अपने गांव क्यारदा, पट्टी नैलाचामी, (घनसाली) टिहरी गढ़वाल में अंतिम सांस ली.
स्व. बलबीर कंडारी एसएसवी प्रशिक्षित गुरिल्ला संगठन के सक्रिय सदस्य थे. गुरिलाओं की मांगों व उनके सम्मान के लिए निरन्तर संघर्षरत रहे. उनके निधन पर गुरिल्ला संगठन, उत्तराखंड क्रांति दल सहित, विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक, व्यापारिक, पत्रकार एवं अधिवक्ता संगठनों से जुड़े सामाजिक प्रतिनिधियों ने शोक प्रकट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
बता दें कि श्री बलवीर सिंह कंडारी के सुपुत्र श्री बिशन सिंह कंडारी उत्तराखंड क्रांति दल के युवा प्रकोष्ठ टिहरी गढ़वाल के जिलाध्यक्ष हैं. श्री बिशन सिंह कंडारी टिहरी जनपद घनसाली से उक्रांद की आवाज को बुलंद करने के लिए सक्रिय युवा नेता के रूप में जाने जाते हैं. बिशन सिंह कंडारी उत्तराखंड के हक हकूकों के लिए आवाज बुलंद करने के साथ ही जनपद में उक्रांद को पुनर्जीवित करने पुरजोर कोशिश में जुटे हैं. .