उक्रांद में शह-मात का खेल, तीन पदाधिकारी फिर निष्कासित
निष्कासित पदाधिकारी बोले दल में हर हाल में होगा नेतृत्व परिवर्तन
देहरादून। क्षेत्रीय दल उक्रांद में शह-मात का खेल जारी है। कभी पदाधिकारियों को बर्खास्त किया जा रहा है फिर अगले कुछ दिन बाद उनकी बहाली की संस्तुति और फिर बर्खास्गी। कुछ दिन पूर्व अनुशासन समिति की सिफारिश पर बर्खास्त किए गए चार पदाधिकारियों को कुछ इसी तरह के इन-आउट के खेल से दो-चार होना पड़ रहा है। अनुशासन समिति की सिफारिश पर दल की महिला प्रकोष्ठ की पूर्व अध्यक्ष प्रमिला रावत, जय प्रकाश उपाध्याय, यशपाल नेगी व विपिन रावत को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि अगले कुछ दिन बाद सर्वोच्च सलाहकार समिति में शामिल वरिष्ठ नेताओं ने इनका निष्कासन वापस लेने की संस्तुति केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी से कर दी और इन्हें बहाल भी कर दिया गया।
लेकिन, शुक्रवार को उक्त चार में से तीन पदाधिकारियों को फिर दल से छह साल के लिए निष्कासित करने के आदेश केंद्रीय अध्यक्ष ने जारी कर दिए हैं। जबकि विपिन रावत का निष्कासन रद्द कर दिया गया है। केंद्रीय अध्यक्ष ने इस बावत कार्यकारी अध्यक्ष व कार्यालय प्रभारी को पत्र भेजा है। कहा गया कि व्यापक विचार-विमर्श के बाद तीन पदाधिकारियों को दल से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया है। उधर, यूकेडी ने निष्कासित किए गए जय प्रकाश उपाध्याय का कहना है कि बार-बार उनका निष्कासन किया जा रहा है, लेकिन निष्कासन के कारण का कोई उल्लेख नहीं किया जा रहा है। कहा कि दल का प्रत्येक कार्यकर्ता नेतृत्व परिवर्तन चाहता है। लेकिन शीर्ष नेता कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। पर ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। उक्रांद में नेतृत्व परिवर्तन कर भाजपा व कांग्रेस के मजबूत विकल्प के रूप में खड़ा किया जाएगा।
लेकिन, शुक्रवार को उक्त चार में से तीन पदाधिकारियों को फिर दल से छह साल के लिए निष्कासित करने के आदेश केंद्रीय अध्यक्ष ने जारी कर दिए हैं। जबकि विपिन रावत का निष्कासन रद्द कर दिया गया है। केंद्रीय अध्यक्ष ने इस बावत कार्यकारी अध्यक्ष व कार्यालय प्रभारी को पत्र भेजा है। कहा गया कि व्यापक विचार-विमर्श के बाद तीन पदाधिकारियों को दल से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया है। उधर, यूकेडी ने निष्कासित किए गए जय प्रकाश उपाध्याय का कहना है कि बार-बार उनका निष्कासन किया जा रहा है, लेकिन निष्कासन के कारण का कोई उल्लेख नहीं किया जा रहा है। कहा कि दल का प्रत्येक कार्यकर्ता नेतृत्व परिवर्तन चाहता है। लेकिन शीर्ष नेता कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। पर ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। उक्रांद में नेतृत्व परिवर्तन कर भाजपा व कांग्रेस के मजबूत विकल्प के रूप में खड़ा किया जाएगा।