एमडीडीए के नौ लोक सूचना अधिकारियों पर पचास हजार का दंड
सूचनाधिकार कानून से खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती
देहरादून। करीब डेढ़ साल तक सूचना मुहैया न कराने पर राज्य सूचना आयोग ने जो अलग-अलग मामलों में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के नौ लोक सूचना अधिकारियों पर 50,000 रुपये का जुर्माना ठोका है। इन मामलों में सूचनाएं तब दी गई जब राज्य सूचना आयोग ने नोटिस दिया। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने अपने आदेश में कहा कि सनद रहे कि सूचनाधिकार कानून से खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। एमडीडीए को को आगाह किया जाता है कि इस आदेश की प्राप्ति के पंद्रह दिन के अन्दर प्राधिकरण में सूचना अनुरोध पत्रों के निस्तारण की जवाबदेह, जिम्मेदार और स्पष्ट व्यवस्था बनाना सुनिश्चित करें।
एक अपील में अपीलकर्ता दिनेश जोशी ने टिहरी विस्थापित टिहरी नगर देहरादून के मंजूर नक्शे व बिना मानचित्र मंजूर कराए बने भवनों के संबंध में सूचना मांगी थी। प्राधिकरण द्वारा लगभग डेढ़ वर्ष तक सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। आयोग नोटिस के बाद प्राधिकरण ने सूचना उपलब्ध कराई मगर यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि लोक सूचना अधिकारी कौन था।
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने लोक सूचना अधिकारियों की सूची तैयार कर स्पष्टीकरण मांगा मगर सभी लोक सूचना अधिकारी अपनी जवाबदेही से बचते रहे। आयोग ने प्रमोद जोशी लिपिक व सहायक लोक सूचना अधिकारी पर 15000 , सुनील कुमार गुप्ता, सहायक अभियन्ता ,लोक सूचना अधिकारी, पर 5,000, प्रशान्त सेमवाल, सहायक अभियन्ता पर 5,000 का जुर्माना आयद किया और दो माह में राजकोष में एक समान किस्तों में जमा करने का आदेश दिया और कहा कि अगर वे शास्ति जमा न करें तो लोक प्राधिकारी उनके वेतन से यह धनराशि काट कर राजकोष में जमा करवाएं।
एक अन्य अपील में अपीलकर्ता जसविंदर सिंह ने सिद्धार्थ बिल्डवैल के कम्पलीशन सर्टिफिकेट के संबंध में सूचना मांगी गई थी।
प्राधिकरण ने लगभग डेढ़ वर्ष तक सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। प्रमोद जोशी लिपिक डीम्ड लोक सूचना अधिकारी पर 10,000 ,लोक सूचना अधिकारी सुधीर गुप्ता, सहायक अभियन्ता पर 3,000, दिग्विजय नाथ तिवारी, सहायक अभियन्ता पर 3,000 अजय मलिक, सहायक अभियन्ता पर 3,000, पीएन बहुगुणा, सहायक अभियन्ता पर 3,000और शशांक सक्सेना, सहायक अभियन्ता, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण पर 3,000 की शास्ति लगाई गई।