कालसी। छात्राओं से छेड़छाड़ करने के आरोप में एक प्रधानाध्यापक को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही जिला शिक्षाधिकारी ने उप शिक्षाधिकारी चकराता को जांच अधिकारी नामित कर पंद्रह दिन जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
ब्लॉक के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पानुवा के प्रधानाध्यापक चतर सिंह पर विद्यालय की छात्राओं ने छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। इस बात को छात्राओं ने विद्यालय से कक्षा आठ उत्तीर्ण करने के बाद राजकीय बालिका इंटर कॉलेज साहिया में प्रवेश लेने के बाद शिक्षिकाओं को बताई। छात्राओं ने बताया कि प्रधानाध्यापक हर दिन उन्हें अपने कक्ष में बुलाकर गलत तरीके से छूते थे। वो विद्यालय की प्रत्येक छात्रा के साथ इस तरह की हरकतें किया करते थे और किसी को बताने पर फेल करने, विद्यालय में पीटने की धमकी देते थे।
डर के कारण छात्राएं चुपचाप शोषण सहती रहीं। कक्षा आठ उत्तीर्ण करने के बाद राबाइंका साहिया में प्रवेश के दौरान जब छात्राओं ने अपनी आपबीती शिक्षिकाओं और प्रधानाचार्य को सुनाई तो वे भी हैरान रह गई। उन्होंने इसकी जानकारी उप शिक्षाधिकारी कालसी को दी। शिक्षिकाओं से मिली जानकारी के बाद उप शिक्षाधिकारी ने पूरे प्रकरण की जांच कर बीती 25 मई को जिला शिक्षाधिकारी राजेंद्र सिंह रावत को जांच रिपोर्ट दी।
डीईओ ने बताया कि प्रथम दृष्टय़ा शिक्षक पर लगे आरोप सही पाए गए, जिसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही उप शिक्षाधिकारी चकराता पूजा नेगी दानू को विस्तृत जांच कर पंद्रह दिन में जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। उधर, इस संबंध में संबंधित शिक्षक का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। जांच अधिकारी पूजा नेगी दानू ने वताया कि जिला शिक्षाधिकारी से मिले निर्देश के क्रम में निलंबित शिक्षक के खिलाफ जांच शुरु कर दी गई है। छात्राओं और शिक्षक दोनों के बयान लेने के साथ ही ग्रामीणों से पूरी जानकारी लेने के बाद जांच रिपोर्ट जिला मुख्यालय को सौंप दी जाएगी।