मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में लिया हिस्सा
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से उद्योगों से संबंधित लगभग 1291 कानूनों का विश्लेषण किया जा रहा है। जिसमें 393 कानूनों को खत्म करने के लिए विभिन्न विभागों ने सहमति दी है। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंगल विन्डों सिस्टम स्थापित कर दिया गया हैं। जिसमें 35 विभागों की 154 सेवाऐं एक पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जा रही है। इन सभी प्रयासो से राज्य में निवेश का वातावरण अनुकूल हुआ है। जिससे गत 5 वषोर्ं में राज्य में लगभग 51000 करोड़ रुपये का निवेश आकषिर्त हुआ है। राज्य में वित्तीय संसाधनों की कमी होने की वजह से जीएसटी कलेक्शन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। गत वर्ष में लगभग 27 प्रतिशत की वृद्धि अंकित की गयी है। इस वर्ष जीएसटी कलेक्शन का 50 प्रतिशत से बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। मनिटरिंग पर ध्यान केन्द्रित करते हुये राज्य में विगत वर्ष में 23 मामलों को इन्वेस्टिगेट किया गया है। जिसमें एक मामले में अपराधी को 5 वर्ष की सजा हुई है। यह जीएसटी रिजीम में सजा का देशा का पहला मामला है।
रविवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में उत्तराखंड राज्य के विकास के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 फ्लैगशिप योजनाओं में अथक प्रयास किये जा रहे है। जिसके फलस्वरूप प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, सइल हेल्थ कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड (मछली पालन) व स्वामित्व स्कीम में 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिये गये हैं। राज्य में भारत सरकार की ओर से दिये गये 975 अमृत सरोवर लक्ष्य के सापेक्ष 1149 अमृत सरोवर पूरा करते हुए लगभग 125 प्रगति प्राप्त की है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, अटल पेन्शन योजना, प्रधानमंत्री ग्राम्य सड़क योजना, किसान क्रेडिट कार्ड (एग्रीकल्चर) योजनाओं के लक्ष्य लगभग प्राप्त कर लिये गये हैं। यह सभी परिणाम प्रधानमंत्री गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से मासिक लक्ष्य देते हुए लगातार मनिटरिंग के माध्यम से प्राप्त किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा सशक्त उत्तराखंड एट 25 मिशन प्रारंभ किया गया है। जिसके तहत राज्य सकल घरेलू उत्पाद को अगले 5 वषोर्ं में दुगना करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्य के लिए मैकेंजी ग्लोबल को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। इस मिशन के तहत पर्यटन क्षेत्र में आगामी 2 वर्ष में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश व लगभग 40 हजार रोजगार के अवसर सृजन करने के लिए पर्यटन नीति प्रख्यापित की गई है। इसी तरह राज्य में 10 नलेज पार्क व आधार मूलभूत संरचना के विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। जिसमें नया देहरादून राजधानी क्षेत्र, हरकी पौड़ी ऋषिकेश कोरिडोर का पुर्नविकास प्रमुख कार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए लगभग 500 कंप्लायंस गत 5 वर्ष में उद्योगों के लिए कम कर दिए गए हैं। जिसके डीपीआईआईटी की रैंकिंग में उत्तराखंड राज्य वर्ष 2016 की 22वीं रैंक से सुधार कर वर्तमान एस्पायर लीडर की श्रेणी में आ गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में शहरीकरण की आवश्यकता को देखते हुए लगभग 12 नये शहर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत उधमसिंहनगर की किच्छा तहसील में लगभग 3000 एकड़ का नया शहर बसाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है, जिससे राज्य में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश व 25 हजार रोजगार के अवसर सृजित होगें। राज्य के किसानों की आय को दोगना करने व भारत सरकार के संतृप्तिकरण के मूल सिद्धांत को अंगित करते हुए 300 करोड़ रुपये की कैपिटल सब्सिडी के साथ सभी किसानों को पॉली हाउस वितरित किया जा रहा है। जिससे राज्य, उत्तर भारत के लिये ऑफ सीजन वेजिटेबल के लिए प्रमुख केंद्र के रूप में उभर सकें। राज्य में कृषि के तहत स्टेट मिलटे मिशन लांच किया गया है। मिलेट के मार्किटिंग को बढ़ावा देने के लिए श्रीअन्न भोजन महोत्सव मनाये जा रहे है। जिसमें लगभग 12000 किसानों ने प्रतिभाग किया है। इसी तरह मिड-डे मिल योजना के तहत बच्चों को 40 सप्ताह झगोंरा की खीर खिलायी जा रही है।
उत्तराखंड राज्य में कौशल विकास के तहत फरेन प्लेसमेंट एजेंसिज को इंपैनल किया गया है, जो राज्य के युवाओं को नसिर्ंग, डे केयर, कुक, हस्पिटैलिटी व सिक्योरिटी के क्षेत्र में विदेशों में रोजगार दिलवायेगी। आगामी वषोर्ं में इनके माध्यम से लगभग 50 हजार युवाओं को विदेशों में रोजगार दिलाते हुए राज्य की आर्थिकी में लगभग 10000 करोड़ रुपए सालाना की बढ़ोत्तरी होगी। राज्य में ड्रोन के विनिर्माण व उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन पॉलिसी बनाई गई है। इसके तहत ड्रोन एप्लिकेशन व रिसर्च सेन्टर के माध्यम से नये-नये क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग के अवसर तलाशे जायेगें। वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से ड्रोन ट्रैफिक प्रबन्धन, आपदा प्रबन्धन, स्वास्थ्य व कृषि आदि क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। नयी पॉलिसी से निजी क्षेत्र के सहयोग से ड्रोन पायलट, ड्रोन फरेंसिक, ड्रोन मैपिंग के क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित किये जायेगें।